जेएनयू में विदेशी छात्रों के लिए 15 फीसदी सीटें होंगी आरक्षित
नई दिल्ली।
विदेशी छात्रों को भारत में अध्ययन करने को बढ़ावा देने के लिए जेएनयू प्रसाशन का बड़ा फैसला। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अकादमिक परिषद ने लिया फैसला, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में विदेशी मूल के विद्यार्थी भी अब एडमिशन ले सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से स्कूल ऑफ इंजीनियंरिग की 15 फीसद सीटें विदेशी छात्रों के लिए सुनिश्चित होंगी। बताया जा रहा है कि प्रवेश की परीक्षा सितंबर से शुरू होगी। कुलपति एम. जगदेश कुमार का कहना है कि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में विदेश छात्रों के दाखिले से दिल्ली-एनसीआर व देश के अन्य हिस्सों में रह रहे विदेशी छात्रों को फायदा होगा। यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर है।
स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में विदेशी मूल के विद्यार्थियों के दाखिले के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने के लिए जेएनयू मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डायरेक्ट एडमिशन फ्रांम एब्रॉड स्कीम का सहारा लेगा। डीएएसए स्कीम में स्क्रीनिंग और प्रवेश मुख्य रूप से एसएटी विषयों के अंकों (गणित स्तर-2, भौतिकी और रसायन विज्ञान) पर आधारित होती है।
अकादमिक परिषद की बैठक 22 जून को हुई थी। इस पर अब विश्वविद्यालय ने मुहर लगा दी है। विस्तार से जानकारी के लिए अभ्यर्थी जेएनयू की आधिकारिक वेबसाइट https://www.jnu.ac.in/main/ देख सकते हैं।