युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत – श्री राज नेहरू
नई दिल्ली. श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च के तत्वाधान में नेशनल वाईस-चासंलर्स ई-कॉन्क्लेव सेल्फ रिलांयस – प्रिपेरिंग युथ फॉर फ्यूचर का आयोजन किया गया। ई-कॉन्क्लेव में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के नौ कुलपतियों ने भाग लिया एवं वर्तमान प्ररिप्रेक्ष्य में विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम के दौरान पूरे भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अनेकों शैक्षणिक संस्थानों के फैकल्टी, विद्यार्थी एवं स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। ई-कॉन्क्लेव का मुख्य उददेश्य न केवल छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करना रहा बल्कि अनुभवी शिक्षाविदों को सुनने के लिए एक अद्भुत अनुभव भी था।
ई-कॉन्क्लेव के दौरान वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न विषयो ंपर चर्चा कि गई जिसमें हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला ने स्वदेशी विषय पर अपने विचार रखे एवं कहा कि स्वदेशी स्थानीय आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का सही साधन है। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायथ ने भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीकी कार्यक्रमों और रोजगार सृजन के महत्व पर प्रकाश डाला। गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्कंडेय आहूजा ने आध्यात्मिकता के महत्व पर चर्चा की एवं इसके महत्व से सबको रूबरू करवाया।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने मूल्यवान इनपुट के साथ सबको मंत्रमुग्ध कर दिया, उन्होंने युवाओं के लिए प्रौद्योगिकियों अभिसरण के बारे में बारिकी से जानकारी दी। प्रो. सुषमा यादव कुलपति, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत ने आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण भारत में छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत बनाने पर कुछ प्रकाश डाला। इसी श्रृंखला में भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यमिता और नौकरी सृजन के बारे में जम्मू के केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक आइमा ने अपने विचार रखे। प्रो. दिनेश अग्रवाल, कुलपति, जेसी बोस विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक आजीविका के बारे में बताया।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने हरियाणा के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल-आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया एवं कहा कि भारत को हम सिलिकॉन वैली बना सकते हैं। भारत की जो प्रतिभाएं बाहर चली गयीं, उन्हें हम वापस यहां अवसर प्रदान कर ‘ब्रेन ड्रेन’ को ‘ब्रेन रेन’ के रूप में बदल सकते हैं। प्रोफेसर सुजाता शाही, कुलपति, आईआईएलएम विश्वविद्यालय, गुरूग्राम ने देश भर में युवाओं को आत्मनिर्भरता के लिए ऑनलाइन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
प्रो. आरएस राठौड़ रजिस्ट्रार, एसवीएसयु ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। प्रो. ज्योति राणा, डीन, स्किल फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च एवं डीएसडब्ल्यू ने कार्यक्रम का संदर्भ निर्धारित किया और कार्यक्रम का विवरण साझा किया। प्रो. ऋषिपाल ने उपस्थित सभी का धन्यावाद किया। श्रीमती मीनाक्षी कौल ने मंच संचालन किया।