Abroad NewsIndian News

एमसीयू और यूनिसेफ संयुक्त रुप से आयोजित करेंगे ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ प्रशिक्षण कार्यक्रम

भोपाल :
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय,भोपाल (एमसीयू,भोपाल) और यूनिसेफ मध्यप्रदेश में संयुक्त रुप से कोविड वैक्सीन को लेकर जागरूकता पर मीडिया शिक्षक, विद्यार्थियों और पत्रकारों के लिए जन स्वास्थ्य रिपोर्टिंग को लेकर ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नोएडा, भोपाल, खंडवा और रीवा के पत्रकारों, मीडिया विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अलग-अलग चरणों में दिसम्बर में आयोजित किया जाएगा।

मीडिया से जुड़े शिक्षकों और विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाया जाए –

विश्वविद्यालय में आज कुलपति प्रो. केजी सुरेश की अध्यक्षता में आयोजित एक ऑनलाइन मीटिंग में इस बारे में निर्णय लिया गया। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि महामारी के समय में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है। आज आवश्यकता इस बात की है कि जनस्वास्थ्य से जुड़े विषयों को लेकर पत्रकारों, मीडिया से जुड़े शिक्षकों और विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाया जाए। स्वास्थ्य से जुड़ी ख़बरें आम व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं। वर्तमान समय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। पूर्व में बनाए गए ट्रेनिंग मॉड्यूल को इस महामारी को देखते हुए कुछ परिवर्तित रूप में लागू किया जाएगा।

हेल्थ रिलेटेड इश्यूज पर कवर करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए –

यूनिसेफ के स्वास्थ्य संचार विशेषज्ञ श्री अनिल गुलाटी ने कहा कि मध्यप्रदेश में दृष्टिकोण से चुनौतियां ज्यादा हैं| उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि मीडियाकर्मियों को हेल्थ रिलेटेड इश्यूज पर कवर करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद जोशी ने कहा कि छोटे स्थानों से जुड़े पत्रकारों को फैक्ट-चेकिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

ट्रेनिंग में स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए –

वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय अभिज्ञान ने वर्तमान में इस ट्रेनिंग की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि एक राज्य में एक प्रतिष्टित समाचार पत्र के साथ कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भ्रामक पर्चे बांटे गए। श्री संजय देव ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग अंशकालीन पत्रकारों के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्य से जुड़ी खबरें कवर कर रहे पत्रकार श्री ज्ञानप्रकाश ने सुझाव दिया कि इस तरह की ट्रेनिंग में स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। श्री अजय कंचन ने कहा कि पत्रकारों को एविडेंस की गुणवत्ता जांचने का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

कुलसचिव डॉ अविनाश बाजपेयी ने ज्ञापित किया धन्यवाद –

यूनिसेफ की कम्युनिकेशन ऑफिसर सोनिया सरकार एवं डॉ वंदना भाटिया ने भी सुझाव दिए। यह सभी विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार वर्ष 2014-15 से देश में प्रारंभ किए गए ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ लाल बहादुर ओझा ने किया। कुलसचिव डॉ अविनाश बाजपेयी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

अन्य और खबरें पढ़ें यहां –

तीन मेडिकल कालेजों के बीएएमएस कोर्स की नहीं हुई परीक्षा, मान्यता को लेकर हो रहें सवाल

लखनऊ :
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध तीन मेडिकल कालेजों के बीएएमएस (सत्र-2018-19) कोर्स की परीक्षा अभी तक नही हुई है। 2018- 2019 बैच छात्रों का कोर्स एक वर्ष पहले ही पूरा हो चुका है जिसके बाद मेडिकल के छात्रों को परीक्षा का इंतजार है। परीक्षा में मान्यता का पेच फंसा हुआ है। परीक्षा में हो रहे विलंब से तीनों कालेजाें के छात्रों में रोष है।

पूरी खबर पढ़ें यहां (क्लिक करें)…

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button