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सार्थक प्रबंधन के लिए भगवद गीता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

नई दिल्ली :
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग के तत्वाधान में सार्थक प्रबंधन के लिए भगवद गीता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यअतिथि के तौर पर एसवीएसयू के कुलपति राज नेहरू, विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. आरएस राठौर, संयोजक प्रो. ज्योति राणा, सम्मानित वक्ता सेटों हॉल यूनिवर्सिटी न्यू जर्सी यूएसए से प्रोफेसर ए.डी. अमर एवं श्रीमती जया रौ, फाउंडर वेदांता विजन एवं विजिटिंग फैकल्टी प्रिंसटोन यूनिवर्सिटी तथा प्रोफेसर जॉन रडवान सेटों हॉल यूनिवर्सिटी न्यू जर्सी यूएसए से शामिल हुए।

सभी को भगवद गीता को जीवन में ग्रहण करना चाहिए –

कार्यक्रम की संयोजन डीन एसएफएमएसआर एवं डीएसडब्ल्यू प्रो. ज्योति राणा ने अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. आरएस राठौर ने सम्मानित वक्ताओं एवं उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया एवं कहां कि बेहतर प्रबंधन के लिए सभी को भगवद गीता को जीवन में ग्रहण करना चाहिए। मुख्य अतिथि कुलपति राज नेहरू ने कहा कि भगवद गीता विश्व का एक महान ग्रंथ है जिसमें प्रत्येक मनुष्य के लिए कुछ ना कुछ है, प्रत्येक व्यक्ति को जीवन सफल बनाने एवं बेहतर मार्गदर्शन के लिए अपने जीवन में भगवद गीता को धारण करना चाहिए।

धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता का ग्रंथ –

सेटों हॉल यूनिवर्सिटी न्यू जर्सी यूएसए से प्रोफेसर ए.डी. अमर ने कहा कि भगवद गीता कर्म, धर्म, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य एवं जीवन से जुड़े सभी प्रश्नों के जवाब हैं। भगवद गीता के माध्यम से हर क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। यह जाति, धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता का ग्रंथ है। बेहतर प्रबंधन के साथ भगवद गीता मानव को क्रियाशीलता के संदेश के साथ बेहतर जीवन जीने की कला सिखाती है।

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जीवन जीने की कला में निपुण करता है भगवद गीता –

जया रौ, फाउंडर वेदांता विजन एवं विजिटिंग फैकल्टी प्रिंसटोन यूनिवर्सिटी ने कहा कि भगवद गीता जीवन का बेहतर बनाने के साथ, जीवन जीने की कला में निपुण करता है। शक्तिशाली जीवन के लिए यह हम सबके लिए महत्पूर्ण है। प्रोफेसर जॉन रडवान सेटों हॉल यूनिवर्सिटी न्यू जर्सी यूएसए ने अपने संबोधन में कहा कि तनावरहित जीवन एवं जीवन प्रबंधन में भगवद गीता की महत्वपूर्ण भूमिका है, प्रसन्न एवं खुशी जीवन के लिए भगवत गीता का अध्ययन करें। अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में कॉ-कन्वीनर डॉ. नकुल, डॉ. प्रीति एवं आयोजक समिति में डॉ. प्ररेणा शर्मा, डॉ. जयपाल, डॉ. निखिलेश, श्रीमती मीनाक्षी, श्री प्रवीण, श्री नीरज ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया आईआईएसएफ 2020 का उद्घाटन

नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आईआईएसएफ 2020 का विधिवत शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने महोत्सव से जुड़े सभी लोगों को उनके प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों की चर्चा करते हुए देश में नए इंजीनियरिंग कॉलेज और आईआईटी जैसे उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान खोले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

परस्पर विश्वास और सहयोग की भावना से बहुत कुछ कर सकते है अर्जित –

इस अवसर पर उन्होंने देश में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे अटल इनोवेशन मिशन और स्कूल कॉलेजों में आरंभ किए गए अटल टिंकरिंग लैब और अटल इनक्यूबेशन सेंटर जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की भी जानकारी दी। हाल ही में आयोजित किए गए वैभव सम्मेलन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा के सम्मेलन में उन्होंने देश के वैज्ञानिकों एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा की।

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