Student Union/Alumni

कोविड़-19 की वजह से स्टूडेंट्स और राजनीति कॉलेज कैंपस से गायब

देहरादून। कोरोनाकाल में कॉलेज कैंपस अब पूरी तरह से बदल गए हैं। कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। कॉलेज खुले तो हैं लेकिन सिर्फ टीचर्स और स्टाफ के लिए। कॉलेजों में इस साल स्टूडेंट्स के साथ-साथ चुनावी रंग भी गायब हैं। अगस्त में कॉलेजों की दीवारें पोस्टर, बैनर से पटी रहती थी। हर तरफ कॉलेजों में चुनावी रंग नजर आता था। लेकिन इस बार छात्र संघ चुनाव को लेकर स्टूडेंट्स लीडर्स अब तक निराश नजर आ रहे हैं।

छात्र राजनीति का केंद्र डीएवी

दून में डीएवी कॉलेज स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स का केन्द्र रहता है। डीएवी में छात्र संघ चुनाव किसी आम चुनाव से कम नहीं होता है। 12 हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स चुनाव प्रक्रिया में पार्टिसिपेट करते हैं। सालों से स्टूडेंट्स लीडर्स चुनाव को लेकर तैयारियां करते हैं। छात्र संघ के अपने चुनावी वादे होते हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए अपने-अपने तरीके से दावे भी किए जाते हैं। कॉलेज की पॉलिटिक्स के कुछ संगठन और चेहरे हर साल नजर आते हैं, जो एडमिशन प्रक्रिया से लेकर चुनावी मौसम में कॉलेजों में डटे रहते हैं। ये संगठन स्टूडेंट्स के एडमिशन में जमकर मदद करते हैं। साथ ही साल भर स्टूडेंट्स की किसी भी समस्या के लिए प्रबंधन से भिड़ जाते हैं। ये छात्र संगठन साल भर स्टूडेंट्स के मुद्दो को उठाने के बाद चुनावी मौसम में मैदान में उतरता है। लेकिन इस बार न स्टूडेंट्स हैं और न हीं राजनीति का मैदान।

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ये छात्र संगठन रहते थे एक्टिव

एबीवीपी

एनएसयूआई

आर्यन

सक्षम

दिवाकर एसएफआई

सत्यम शिवम

निश्चय गु्रप

सोशल मीडिया में एक्टिव स्टूडेंट्स लीडर्स

कॉलेजों के कैंपस में भले ही सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई स्टूडेंट लीडर्स चुनावी रंग में नजर आने लगे हैं। कई स्टूडेंट अपने-अपने तरीके से सोशल मीडिया में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। कॉलेजों में एडमिशन के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से स्टूडेंट लीडर्स स्टूडेंट्स तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। इधर कुछ छात्रों का यह भी कहना है कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के आधार पर उम्र को लेकर भी कुछ शर्तें रखी गई है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स के सपने इस बार टूट सकते हैं। ऐसे में ये स्टूडेंट्स आने वाले समय में कॉलेजों में इलेक्शन कराने के लिए पूरजोर कोशिश करेंगे।

जिस तरह की परिस्थितियां सामने आई हैं, उसमें नवंबर, दिसंबर तक कॉलेजों में स्टूडेंट्स की कोई एक्टिविटी होना मुश्किल लग रहा है। एनएसयूआई यूनिवर्सिटी से इस साल छात्र संघ चुनाव न कराने की मांग करेगा।

सौरभ ममगाई, जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई

अभी तो इलेक्शन होने संभव नहीं है, लेकिन कई स्टूडेंट्स लीडर्स इलेक्शन को लेकर तैयारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि कुछ महिनों में तस्वीर बदले। छात्र संघ चुनाव होने से स्टूडेंट्स को कई फायदे होते हैं।

निखिल शर्मा, अध्यक्ष, छात्र संघ, डीएवी पीजी कॉलेज

छात्र संघ चुनाव को लेकर स्टेट गवर्नमेंट फैसला लेती है। पिछले साल एक दिन में ही छात्र संघ करवाए गए थे। इस बार कोरोनाकाल में कॉलेजों में क्या क्या एक्टिविटी हो सकती है। यह सब स्टेट गवर्नमेंट को तय करना है।

प्रो० बीए बौड़ाई, अध्यक्ष, प्रिंसिपल काउंसिल

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