यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका देने पर विचार कर रही केंद्र सरकार
यूपीएससी के 24 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

नई दिल्ली :
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा की वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने पर विचार कर रही है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अमन लेखी ने कहा है कि मामले पर विचार किया जा रहा है और जब सिविल सेवा परीक्षा 2021 के दिशानिर्देश निर्धारित किए जाएंगे, तब उपयुक्त अथॉरिटी इस बात को ध्यान में रखेगी।
याचिका में एक्स्ट्रा अटेंप्ट की मांग –
बता दें कि यूपीएससी 24 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर उन्हें 2021 में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में भी बैठने का मौका दिए जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। याचिका में एक्स्ट्रा अटेंप्ट का यह मौका कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सिर्फ एक बार के लिए दिया जा सकता है। गौरतलब है कि इस बार परीक्षा देने वाले बहुत से अभ्यर्थी अगले साल सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा को पार कर जाएंगे। आयु संबंधी नियमों के मुताबिक वह 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे।
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परीक्षा टालने के असर अगले साल की परीक्षा पर भी –
सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी की दलीलों को स्वीकार किया था। UPSC ने कहा था कि परीक्षा टालने के असर अगले साल की परीक्षा पर भी पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि इस साल की परीक्षा को अगले साल की परीक्षा के साथ संयुक्त रूप से आयोजित कराना संभव नहीं है। आयोग ने परीक्षा स्थगित करने में असमर्थता जताई थी। 4 अक्टूबर को आयोजित हुई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
कोर्ट ने परीक्षा आग्रह वाली याचिका खारिज कर दी थी –
30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह वैश्विक महामारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले उन लोगों को एक और मौका देने पर विचार करे, जिनसे पास यूपीएससी परीक्षा देने का इस बार आखिरी अवसर है। कोर्ट ने 2020 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को 2021 की परीक्षा के साथ आयोजित कराने के आग्रह वाली याचिका खारिज कर दी थी।
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एचएयू के विद्यार्थी करेंगे आस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन पढ़ाई
नई दिल्ली :
राष्ट्रीय कृषि उच्च शैक्षणिक परियोजना- संस्थागत विकास योजना के अन्तर्गत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, एचएयू के विद्यार्थी आस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि उच्च शैक्षणिक परियोजना- संस्थागत विकास योजना के तहत सोमवार को एक ऑनलाइन कृषि कौशल सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू हुआ है। इसका उद्घाटन वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के उपकुलपति एवं वाइस प्रेसीडेंट (Research, Enterprise and International) प्रो. डेबोराह स्वीनी ने किया। कार्यक्रम में एचएयू के कुलपति प्रो. समर सिंह को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
विज्ञानियों व कृषि उद्यमियों से नवीनतम तकनीकों को जानेंगे –
प्रो. समर सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते आस्ट्रेलिया में जाकर पढ़ाई करना अभी संभव नहीं है। इसलिए वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की ओर से एक ऑनलाइन कृषि कौशल सशक्तीकरण कार्यक्रम लाच किया गया है। अब विद्यार्थी विदेशों की तर्ज पर ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा हासिल कर सकेंगे। कोरोना काल समाप्त होने के बाद विद्यार्थी यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ सकेंगे। साथ ही वहां के विज्ञानियों व कृषि उद्यमियों से मिलकर नवीनतम तकनीकों और रोजमर्रा की जिदगी में काम आने वाली व्यापार की बारीकियों की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इस कार्यक्रम में देश के 14 विश्वविद्यालयों के कुलपति के अलावा उद्योग जगत, बैंकिग व राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के विज्ञानी भी शामिल हुए।