उच्च शिक्षा से जुड़ी बड़ी खबरें (जेईई एडवांस्ड व इलाहाबाद विश्वविद्यालय विशेष)

हाईकोर्ट ने छात्रों की जेईई एडवांस्ड री-एग्जाम की मांग खारिज की
नई दिल्ली :
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेईई (एडवांस्ड) की पुनः परीक्षा (री-एग्जाम) आयोजित करने को लेकर छात्रों की मांग को खारिज कर दिया है। जो छात्र कोविड-19 से संक्रमित होने की वजह से परीक्षा नहीं दे सकें उन्होंने री-एग्जाम के लिए मांग की थी। न्यायमूर्ति जयंतनाथ ने कहा कि यह स्थापित कानूनी स्थिति है कि आमतौर पर, अदालतों के लिए यह बेहतर और सुरक्षित रहता है कि वह शैक्षणिक मामलों के फैसले विशेषज्ञों पर छोड़ दें, क्योंकि वे सामान्यतः समस्याओं से अदालत से अधिक वाकिफ होते हैं।
27 सितंबर को हुई जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा में बैठ नहीं पाया –
उच्च न्यायालय ने एक आईआईटी अभ्यर्थी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। इस छात्र ने इस साल सितंबर में हुई जेईई (मेन्स) परीक्षा में सामान्य श्रेणी में 96,187 में से शीर्ष रैंक हासिल की है, लेकिन वह 27 सितंबर को हुई जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा में बैठ नहीं पाया था, क्योंकि वह 22 सितंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया था। परीक्षा का परिणाम पांच अक्टूबर को घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने आईआईटी –दिल्ली के आयोजक अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी स्थिति बताई थी और यह परीक्षा किसी ओर तारीख को लेने के लिए गुंजाइश/रियायत का अनुरोध किया था।
कोविड-19 से संक्रमित छात्रों के लिए पृथक केंद्र बनाए –
अभ्यर्थी ने जयपुर परीक्षा केंद्र से भी संपर्क किया था जहां से उन्हें सूचित किया गया कि परीक्षा में बैठने के वास्ते कोविड-19 से संक्रमित छात्रों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। याचिका में कहा गया है कि जेईई (एडवांस्ड) का पात्रता मापदंड यह है कि अभ्यर्थी लगातार दो सालों में सिर्फ दो बार यह परीक्षा दे सकता है। इस प्रकार आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला लेने का उनका एक मौका चला जाएगा। उन्होंने दलील दी थी कि कोविड-19 से संक्रमित छात्रों के लिए पृथक केंद्र बनाए जाने चाहिए थे जैसा क्लेट 2020 जैसी अन्य परीक्षाओं के लिए किया गया था।
बोर्ड में अलग-अलग आईआईटी के 46 प्रोफेसर शामिल –
अदालत के पहले आदेश का अनुसरण करते हुए संयुक्त दाखिला बोर्ड ने एक बैठक की थी जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण इम्तिहान नहीं दे सके छात्रों के लिए अन्य परीक्षा या पुनःपरीक्षा ली जाए या नहीं। इस बोर्ड में अलग-अलग आईआईटी के 46 प्रोफेसर शामिल हैं। इससे पहले जिन अभ्यर्थियों ने जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा 2020 के लिए सफलतापूर्वक पंजीकरण कराया और वे परीक्षा नहीं दे सके थे, वे सीधे जेईई (एडवांस्ड) 2021 में बैठ सकते हैं।
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की अंतिम सेमेस्टर परीक्षाएं सम्पन्न, जल्द जारी होगा परिणाम
लखनऊ :
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं अब खत्म हो गयी है जिसका परिणाम जल्द ही विवि द्वारा घोषित कर दिया जाएगा जिसके लिए अब परीक्षा विभाग मूल्यांकन कार्य में जुट गया है। परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए तैयारी भी तेजी से चल रही है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार परीक्षाएं देरी से शुरू हुईं थीं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) में स्नातक अंतिम वर्ष और परास्नातक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। बाकी सभी को औसत अंक के आधार पर प्रोन्नत करने का निर्देश दिया था।
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घर बैठे छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया –
इसी क्रम में इविवि ने ऑनलाइन मोड में परीक्षाएं कराईं थीं। इसमें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ऐसा इस वजह से की घर बैठे छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया। उन्हें उत्तरपुस्तिका अपलोड करना था। वह एक ही उत्तर पुस्तिका कई बार अपलोड कर दिए थे। इसके अलावा ऑफलाइन मोड में भी वह उत्तर पुस्तिका जमा करने पहुंच गए। हालांकि, किसी तरह परीक्षा खत्म हो गई। अब मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया गया है। यह परीक्षा विभाग ले लिए सिरदर्द बना है। आखिर वह किन कॉपियों का मूल्यांकन कराएं।
कुछ पाठ्यक्रम के नतीजे जारी कर दिए गए –
परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मूल्यांकन कार्य में तेजी लाई गई है। परिणाम भी जारी होने शुरू हो गए हैं। कुछ पाठ्यक्रम के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही स्नातक और परास्नातक के परिणाम भी जारी कर दिए जाएंगे। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षा का क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है जिसकी वजह से शिक्षण गतिविधियों मे बहुत बदलाव देखने को मिला है।