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संस्कृत विवि का ई-गंगोत्री योजना पर हुआ समझौता, सिंगापुर के सहयोग से ऑनलाइन होंगी शोध पत्रिकाएं

लखनऊ :
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने हाल में ही सिंगापुर की एक कंपनी के साथ शोध ग्रंथों का डिजिटलाइजेशन कर आनलाइन अपलोड करने का समझौता किया है। इसकी लांचिंग छह दिसंबर को की जाएगी। संस्कृत विश्वविद्यालय दुर्लभ ग्रंथों व शोध पत्रिकाओं का विशाल भंडार है। डिजिटलाइजेशन के अभाव में इन शोध पत्रिकाओं को अब तक आनलाइन नहीं किया जा सका है। ऐसे में बौद्धिक खजाने के रूप में सरस्वती भवन पुस्तकालय में सहेज कर रखे गए दुर्लभ ग्रंथों व शोध पत्रिकाओं का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते ही ई-गंगोत्री योजना पर सिंगापुर की कंपनी के साथ समझौता किया गया है।

154 वर्ष पुराने शोध पत्रिकाओं को भी अब आनलाइन करने का निर्णय –

बता दें कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1791 में राजकीय संस्कृत कालेज के रूप में हुई थी। इस प्रकार विगत दो सौ से भी अधिक वर्षों से संस्था में परंपरागत विद्याओं का अध्ययन के साथ-साथ अनुसंधान का कार्य भी चल रहा है। शोध पत्रिका काशीविद्या सुधानिधि का प्रकाशन वर्ष 1866 जारी है। वर्ष 1876 में संस्कृत व अंग्रेजी दो भाषाओं में प्रकाशित होने वाली पत्रिका दि पंडित नाम से पत्रिका का प्रशासन शुरू किया गया। वर्ष 1917 में इसका नाम सरस्वती भवन अध्ययनमाला व ग्रंथमाला तथा वर्ष 1962 में इसका नाम सारस्वती सुषमा कर दिया गया।

शोध पत्रिकाओं यह क्रम अब भी जारी है। ग्रंथों के रूप में रूप में होने के कारण इसका लाभ आम शोधार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। तकनीकी के युग को देखते हुए 154 वर्ष पुराने शोध पत्रिकाओं को भी अब आनलाइन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत प्रथम चरण में अब तक करीब 300 से अधिक शोध पत्रिकाओं का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इसे गति देने के लिए सिंगापुर के एक कंपनी के साथ ई-गंगोत्री नामक योजना पर संधि की गई है।

आज हुयी आनलाइन लांचिंग –

आनलाइन लांचिंग का आयोजन 06 दिसंबर को किया गया है। समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहाकार केवी राजू रहे। इसके अलावा इंदिरा गांधी कला केंद्र के सदस्य सचिव प्रो. सच्चिदानंद जोशी, पूर्व कुलपति प्रो. वी. कुटुम्ब शास्त्री, ई-गंगोत्री ट्रस्ट के प्रमुख चेतन पांडेय बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल कार्यक्रम की अध्यक्षता किया।

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सीरी में स्‍टूडेन्‍ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन का घोषणा समारोह आयोजित

पिलानी :
सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, पिलानी तथा विज्ञान भारती-राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 23 तथा 24 दिसंबर 2020 को वर्चुअल रूप में आयोजित किए जा रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2020) के अंतर्गत स्‍टूडेन्‍ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो का घोषणा समारोह आयोजित किया गया। आयोजन का एम एस टीम्‍स के साथ-साथ यूट्यूब लिंक के माध्‍यम से सीधा प्रसारण किया गया।

मॉडलों के माध्‍यम से अपने नवाचारों को आकार देने का किया आह्वान –

एसीएसआईआर के कुलाधिपति तथा सीरी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने घोषणा समारोह में मुख्‍य अतिथीय संबोधन देते हुए आयोजन के लिए आत्मनिर्भर भारत तथा विश्व कल्याण के लिए विज्ञान विषय को चुनने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान भारती की प्रशंसा की। उन्‍होंने अपने समय और वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास उपलब्‍ध सुविधाओं व अवसरों की तुलना करते हुए विद्यार्थियों को मॉडलों के माध्‍यम से अपने नवाचारों को आकार देने का आह्वान किया। उन्‍होंने चुनौतियों और कठिनाइयों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करते हुए समाधान प्रस्‍तुत करने पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि यही सफलता का मूलमंत्र है। अपने संबोधन में उन्‍होंने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की भी चर्चा की।

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