नवजात बच्चे को दूध पिलाने वाली मां भी लगवा सकती हैं वैक्सीन : डा. दीपक
लखनऊ : एशियन इंस्टीट्यूट आफ ह्यूमन साइंस एंड डेवलपमेंट (ए आइ एच एस डी) के बाल विकास एवं महिला प्रशिक्षण विभाग, लखनऊ द्वारा अंतररास्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के दूसरे दिन को डॉ. दीपक द्विवेदी डिपार्टमेंट ऑफ़ पीडियाट्रिक्स़, यस यस मेडिकल कॉलेज, रीवा एमपी द्वारा प्रिवेंशन ऑफ़ कोविड- 19 इन्क्लूडिंग वैक्सीनेशन टॉपिक पर लेक्चर दिया गया। जिसमें उन्होंने वैक्सीनेशन के बारे में डिटेल में बताया। यह एक सामान्य सवाल होता है कि क्या नवजात को दूध पिलाने वाली मां वैक्सीन लगवा सकती है? इस पर उन्होंने बताया कि लैक्टेटिंग मदर्स टीके लगवा सकती हैं। मदर मिल्क से कोरोना नहीं फैलता है, इसलिए बच्चे को फीड भी करा सकती हैं। कोरोना पीड़ित महिलायें, ब्लीडिंग डिसऑर्डर रोगियों को डॉक्टर के परामर्श से ही टीका लगवाना चाहिए। प्राइमरी इम्यून डेफिशियेंसी वाले पेशेंट जैसे कैंसर रोगी भी टीका लगवा सकते हैं। हालांकि उनके लिए 100 परसेंट इफेक्टिव नहीं है। वैक्सीन लेकिन इफेक्टिव है, इसलिए उन्हें भी लगवाना चाहिए। 2-3 डोज लगने के बाद कम्पलीट इम्युनिटी आ जाएगी। 6 महीने तक वैक्सीन इम्युनिटी देती है इसके आगे के बारे में पता किया जा रहा है। सभी प्रकार की वैक्सीन, कोवैक्सीन, कोविशील्ड एंड स्पुतनिक इफेक्टिव हैं जो वैक्सीन लगवाई गयी है उसी की तीनों डोज लगवानी है। बी के चंदा दीदी, राजयोग टीचर, माउंट आबू राजस्थान ने भी होलिस्टिक हेल्थ केयर ड्यूरिंग कोविड- 19 पेनडेमिक विषय पर लेक्चर दिया। जिसमें उन्होंने होलिस्टिक हेल्थ के कांसेप्ट को एक्सप्लेन किया। उसे कैसे मेन्टेन रखें उसके बारे में डिटेल में बताया। प्रोग्राम का कोआर्डिनेशन डॉ. नीतिका एवं अध्यक्षता संस्थान के डायरेक्टर प्रो. उदय प्रताप सिंह ने की। लेक्चर में संस्थान के सदस्यों सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।