एएमयू में आईआईसीएचए की दूसरी राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का हुआ आयोजन

लखनऊ :
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में आईआईसीएचए की दूसरी राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन ”पीपुल एक्सेस टु हेल्थकेयर विदाउट प्रोस्पेक्ट्स आफ फाइनेंसियल हार्डशिप्स” विषय पर किया गया। यह आयोजन यूनानी मेडिसिन संकाय तथा इंडियन इंटिगरेटेड कम्यूनिटी हेल्थ एसोसिएशन (आईआईसीएचए) एवं सिमनन इम्पीरियल गिल्ड (एसआईजी) के सहयोग से किया गया।
कोविड-19 पर आयुर्वेद के योगदान पर चर्चा –
प्रोफेसर एम अतहर अंसारी (पूर्व अध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, एएमयू) ने ”भारत में संक्रमण संबन्धित स्वास्थ्य व्ययः एक अवलोकन” पर बात की। उन्होंने समस्या के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और उनके लिए समाधान सुझाए। प्रो खान मोहम्मद कैसर (एमआईजे तिब्बिया कालिज, मुंबई) ने ”पीपुल्स सफरिंग फाइनेंशियल हार्डशिप इन हेल्थकेयर-प्राब्लम्स एंड प्राबेबिल साल्यूशन” और डा शिव कुमार हार्टी (आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद, नई दिल्ली) ने ”कोविड -19 महामारी में सुलभ हेल्थ केयर के लिए आयुर्वेद का योगदान” पर चर्चा की।
जागरूकता अभियान की आवश्यकता –
डॉ जुगुल किशोर (अध्यक्ष, आईआईसीएचए और निदेशक, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, वीएम मेडिकल कॉलेज तथा सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली) ने चिकित्सा देखभाल के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में विभिन्न सरकारी नीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोगों को शिक्षित करने के लिए उचित जागरूकता अभियान की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की सरकारी नीतियों से लाभान्वित हो सकें।
समाज के हित में मिलकर काम करने का आवश्यकता –
मुख्य अतिथि जीएस प्रियदर्शी (आईएएस तथा आयुक्त, अलीगढ़ मंडल) ने क्यूरेटिव के बजाय निवारक पहलुओं पर धन के व्यय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षाविदों और प्रशासनिक अधिकारियों से समाज के हित के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह समाज में हाशिए के लोगों के अधिकतम लाभ के लिए संसाधनों और वितरण तंत्र को एकीकृत करने का समय है। अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में, एएमयू के कोषाध्यक्ष, पद्मश्री प्रोफेसर हकीम एस जिल्लुर रहमान ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में इलाज के विभिन्न तरीकों के महत्व और उनकी उपयोगिता पर चर्चा की।
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नीव ने अपने मुंबई चैप्टर के उद्घाटन पर आयोजित किया पर्यावरण जागरूकता अभियान

मेरठ :
नीव ने आज 11 दिसम्बर को आपने मुंबई चैप्टर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र प्रदूषण कण्ट्रोल बोर्ड ने ठाणे प्रभाग के साथ मिलकर स्कूल के छात्र – छात्राओं के लिए “एयर क्वालिटी अवरेनेस प्रोग्राम/पर्यावरण जागरूकता अभियान” का आयोजन किया जिसमें महाराष्ट्र के ही नहीं, देश विदेश से विभिन्न छात्र – छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
महाराष्ट्र के 08 शहरों में क्लीन सिटी प्रोग्राम को देख रही है –
बता दें कि नीव आई.आई.टी. के पूरात्न छात्र-छात्राओं द्वारा संचालित सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था है, जिसका मुख्यालय मेरठ में है। वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ0 गीतांजलि कौशिक, एनवायर्नमेंटल कंसलटेंट एवं सेक्रेटरी नीव व डॉ० उपदेश वर्मा अल्युमिनि आई आई टी दिल्ली , एसोसिएट प्रो0 व राष्ट्रीय समन्वयक नीव संस्था रहे। डॉ० गीतांजलि जो की महाराष्ट्र के 08 शहरों में क्लीन सिटी प्रोग्राम को देख रही है , उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति बिना खाना खाये 21 दिन तक, बिना पानी पिए 03 दिनों तक जिन्दा रह सकता है परन्तु बिना वायु के 03 मिनट से जयादा नहीं जी सकता अतः हम सभी को व्यायु को स्वच्छ रखना चाहिए व जयादा से जयादा पेड़ लगाने चाहिए।