94% लोग मानते हैं कि कोविड-19 के चलते शिक्षा नीति में बदलाव ज़रूरी
नई दिल्ली. गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस की एसोसिएट प्रोफेसर अंजू वर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर नीरज वर्मा ने मिलकर एक सर्वे किया गया इस सर्वे के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि लॉकडाउन के बाद शैक्षिक संस्थान फिर खोलने के लिए लोगों की असल में क्या राय है सर्वे के आंकड़ों के सामने आया कि 94% लोग कोविड-19 महामारी को देखते हुए शैक्षिक नीति में बदलाव करने को लेकर सहमत हैं साथ ही 73% लोगों ने शैक्षणिक संस्थानों के खुलने के बाद भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असहमति जताई।
सर्वे के इस डाटा को विभिन्न राज्यों के 3183 रेस्पोंडेंट से गूगल फार्म के माध्यम एकत्रित किया गया। इसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक शामिल रहे इस सर्वे में पुरुष 44 प्रतिशत और महिला 55% रेस्पोंडेंटस शामिल रही।
लोक डाउन के बाद शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने पर 70% लोगों ने असहमति जताई। इस विषय पर अपनी राय रखते हुए 39% लोगों ने स्कूल को कोविड-19 के मामले में सावधानी बरतने पर असक्षम माना। अभिभावकों के अनुसार छोटे बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर पाएंगे वहीं सर्वे के आधार पर यह निकल कर सामने आया कि 84% लोगों ने यह मान लिया है कि कोविड-19 की अवधि लंबी चलेगी और इसे जीवन का हिस्सा मानकर ही एतिहात बरतनी होगी।