स्कूल-कॉलेजों में शादी-पार्टी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, दिया कार्रवाई का आदेश
प्रयागराज. प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के भवनों व मैदानों के व्यावसायिक शादी समारोह के लिए उपयोग करने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपना लिया है.
कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कॉलेज परिसर का व्यवसायिक इस्तेमाल ना होने दें. ऐसे प्रबंधकों से स्पष्टीकरण लेकर कार्यवाही करें. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों का इस्तेमाल केवल शैक्षणिक व खेलकूद आयोजनों के लिए ही किया जा सकता है. व्यवसायिक उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को सभी जिला अधिकारियों को इस आशय का निर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया है. राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है.
याचिका की अगली सुनवाई कब होगी?
क्षेत्रीय स्थानीय सभा जौनपुर के सदस्य दीपेंद्र विक्रम सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति अशोक कुमार की न्यायालय की खंडपीठ में दायर याचिका में या निर्देश दिया.
याचिका पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि कॉलेजों व शैक्षणिक संस्थानों का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि, कॉलेजों का इस्तेमाल शिक्षा में खेल कूद के लिए ही होना चाहिए. राज्य सरकार ने 29 सितंबर 2012 के शासनादेश में मान्यता प्राप्त, वित्तीय सहायता प्राप्त कालेजों में विवाह समारोह व कोचिंग चलाने पर रोक लगा रखी है. इसका उल्लंघन करते हुए प्रबंधक धन कमा रहे हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव प्रमुख सचिव को इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.