इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की रिपोर्ट निगेटिव, पर जानकारी छिपाने को लेकर होगी कार्रवाई
प्रयागराज. इंडोनेशियाई तब्लीगी जमातियों के पनाह देने में मदद करने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी. प्रशासन से जानकारी छिपाने के आरोप में उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्वारंटाइन से वापस घर आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें नोटिस जारी करेगा. इसके बाद, उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
प्रो. शाहिद 10 मार्च तक दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे. वहां से प्रयागराज लौटने के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा भी कराई. पुलिस ने उनसे पहले पूछताछ की थी तो उन्होंने जमात में शामिल होने की बात से इन्कार कर दिया था. बुधवार को पुलिस ने सुबूत के साथ फिर पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकार किया कि जमात में शामिल हुए थे.
पुलिस का यह भी दावा है कि ट्रेन से दिल्ली से गया जा रहे इंडोनेशियाई जमातियों को उन्होंने अब्दुल्ला मस्जिद के मुतवल्ली को फोन कर मस्जिद के मुसाफिर खाने में उनके रुकने की व्यवस्था कराई थी. उन्होंने जमात में शामिल होने की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को भी नहीं दी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया, तब विश्वविद्यालय प्रशासन को जानकारी मिली. हालांकि, जांच रिपोर्ट शुक्रवार शाम को निगेटिव आने से इविवि में राहत है.
ब्लीगी जमात में शामिल होने की जानकारी न देने के आरोप में अब जिला प्रशासन की कार्रवाई के साथ इविवि प्रशासन अलग से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. इलाहाबाद विश्वविदयालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि क्वारंटाइन किए गए प्रोफेसर मो. शाहिद घर पहुंचेंगे तो नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा जाएगा.
साभार- दैनिक जागरण