Indian News

जेल जाने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से निलंबित किए गए प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद, झूठ बोलने की वजह से हुई कार्रवाई

प्रयागराज. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने तबलीगी जमात के कुछ विदेशी सदस्यों को यहां की एक मस्जिद में ठहराने की सिफारिश करने के आरोप में गिरफ्तार प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को निलंबित कर दिया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र कुमार मिश्र ने मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रोफेसर शाहिद के खिलाफ शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज होने और उनकी गिरफ्तारी के बारे में सूचना दी.

प्रोफेसर शाहिद के खिलाफ यह प्राथमिकी मस्जिद में जमात के विदेशी सदस्यों को ठहराने के आरोप में दर्ज की गई. साथ ही, निजामुद्दीन इलाके में हुए धार्मिक कार्यक्रम में खुद के शामिल होने की बात छिपाने के आरोप में शिवकुटी थाने में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई. मिश्र ने बताया कि शिवकुटी थाने के उप निरीक्षक ने विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रोफेसर शाहिद की गिरफ्तारी के बारे में सूचना दी, जिसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी ने प्रोफेसर शाहिद को निलंबित कर दिया.

प्रोफेसर शाहिद का निलंबन उनकी गिरफ्तारी की तारीख 21 अप्रैल, 2020 से ही प्रभावी हो गया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च में हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए सात इंडोनेशियाई नागरिकों को शहर की अब्दुल्ला मस्जिद में ठहराने की मुतवल्ली (मस्जिद के प्रबंधन से जुड़ा व्यक्ति) से कथित तौर पर सिफारिश की थी और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी थी.

पुलिस ने 21 अप्रैल को इंडोनेशिया के सात लोगों, थाइलैंड के नौ लोगों और केरल एवं पश्चिम बंगाल से एक-एक व्यक्ति समेत 30 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इंडोनेशियाई लोगों में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित था.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button