अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र ने बनाई टीबी जांच करने की आसान तकनीक
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में देश में 24 लाख लोग टीबी की चपेट में आये

लखनऊ।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शोध छात्र ऋषभ आनन्द ओमर ने टीबी जांच के लिए नयी तकनीक विकसित की है। ऋषभ ने बीबीएयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार अरोरा के मार्गदर्शन तथा आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ निशीथ वर्मा के सहयोग से एक इम्युनो बायो सेंसर विकसित किया है।
कई पुराने तरीके भी उपलब्ध हैं –
बताते चलें कि उन्होंने टीबी के बैक्टीरिया द्वारा स्रावित प्रोटीन को बायोमार्कर की तरह और उसके विरुद्ध कुछ एंटीबॉडी का उपयोग करके यह इम्यूनो बायो सेंसर बनाया है। जो इस बीमारी का पता लगाने और सटीक जानकारी देने में सक्षम है। विश्वविद्यालय की प्रवक्ता रचना गंगवार ने बताया कि इस बीमारी को पता करने के लिए कई पुराने तरीके भी उपलब्ध हैं लेकिन वे जल्दी और सटीक जानकारी देने के लिए उपयुक्त नही हैं। ऐसे में ऋषभ का यह प्रयास टीबी की बीमारी की जांच में काफी साहयक होगा। इस खोज से सही समय पर बीमारी का पता लगाने में मदद मिलेगी। सही समय पर बीमारी का पता न चलने के कारण टीबी से बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। बीमारी का पता चलने उसकी रोकथाम जल्द ही की जा सकती है और इससे होने वाली मृत्यु दर को कम करने में आसानी होगी।
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2019 में देश में 24 लाख लोग टीबी की चपेट में आए –
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में भारत में टीबी बीमारी पर एक रिपोर्ट जारी हुई जिसमे 2019 में देश में 24 लाख लोग टीबी की चपेट में आए। ऐसे में टीबी जांच की यह तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है।