लखनऊ विश्वविद्यालय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच हुआ समझौता
लखनऊ। विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अब मिलकर इंटर एजेंसी ग्रुप के सक्रिय सहयोग से विश्वविद्यालयों का नेटवर्क स्थापित करेंगे। यह नेटवर्क एजेंडा के छठे बिंदु के आधार पर विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम और गतिविधियों में आपदा प्रबंधन के मुद्दों को शामिल करेंगे और शिक्षकों शोधकर्ताओं छात्रों और उन सभी लोगों को संवेदनशील बनाने और उनका मार्गदर्शन करने का कार्य करेंगे।
इसके लिए गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आर पी शाही के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के अनुसार प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडा जिसमें को कोविड 19 जैसी आपदाओं के लिए लोगों को तैयार करना,और पहले से ही उसके प्रति विस्तृत रूप से तैयार रहने की प्रवृत्ति का विकसित करना शामिल है। जो राज्य और जिला स्तर के सभी विभागों विभागों पर लागू किए जाएंगे। इसमें गरीब घरों से लेकर सेमी तथा बहुराष्ट्रीय निगमों और सभी के लिए जोखिम कवरेज की दिशा में। काम करना आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं की अधिक भागीदारी और नेतृत्व को प्रोत्साहित करना विश्व स्तर पर जोखिम मानचित्रण में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्व स्तर पर जोखिम मानचित्रण में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना। हमारे आपदा जोखिम प्रबंधन प्रयासों का दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, आपदा मुद्दों पर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क विकसित करना, सोशल मीडिया और मोबाइल प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकियों द्वारा प्रदान किए गए अफसरों का उपयोग करना। आपदाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया में अधिक सामंजस्य लाना आदि शामिल है। इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि सस्टेनेबिलिटी के मुद्दों पर समावेशी विकास ज्ञान और क्षमता निर्माण अत्यंत आवश्यक है।
विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थाओं का नेटवर्क आपदा प्रबंधन में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजनाओं के लिए के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि समझौते के बाद विश्वविद्यालय बा आपदा प्रबंधन संयुक्त रूप से सेंडई फ्रेमवर्क के संकेत की देखरेख, निगरानी और विश्लेषण के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन पर प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडा डीपीए के अनुसार आपदा जोखिम न्यूनीकरण एस एस एफ डी आर आर के लिए रूपरेखा और यदि आवश्यक हो तो मध्य पाठ्यक्रम सुधार मेडिकोर करेक्शन का सुझाव देगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के तरफ से गतिविधियों का समन्वय करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में प्रोफेसर शीला मिश्रा सांख्यिकी विभाग के नामित किया गया। यूपीएसडीएम की ओर से डॉ भानु संयोजक इंटर एजेंसी व सचिव पीजीबीएस को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया। सप्ताह भर में दोनों नोडल अधिकारी संयुक्त रूप से आगे की कार्य योजना प्रस्तुत करेंगे।