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मानव विज्ञान के विद्यार्थियों को इथोपिया और मोरक्को में उत्खनन करना चाहिए : डॉ ज्ञानेंद्र

लखनऊ के आईएचएसडी ने रविवार को अपना 27वां स्थापना दिवस मनाया

लखनऊ : आईएचएसडी ने रविवार को अपना 27वां स्थापना दिवस मनाया। मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक बीएसआईपी लखनऊ डॉ ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिवेदी थे। जिन्होने Late Eocene Period: With relation to the History of Mother Earth” विषय पर अपना वक्तव्य दिया। इन्होंने बताया कि पृथ्वी और महाद्वीपों की उत्पत्ति किस प्रकार से हुई। केनोज़ोइक पीरियड के Paleocene, Eocene, late Eocene एवं Oligocene पीरियड की घटनाओं पर प्रकाश डाला। लेट Eocene में हिमालय की उत्पत्ति के बारे में बताया। कहा कि फासिल्स से भूत एवं वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। इन्होंने नॉर्थ ईस्ट इंडिया एवं कच्छ पर आधारित रिसर्च किया है। बताया कि यहाँ के रॉक्स बहुत ही विकसित हैं और महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं। सुझाव दिया कि मानव विज्ञान के विद्यार्थियों को मानव उद्विकास समझने के लिए इथोपिया एवं मोरक्को में उत्खनन (excavation) करना चाहिए जिससे महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। शोध महत्वपूर्ण होता है और किसी विषय में बटा नहीं है बल्कि किसी भी विषय के माध्यम से हो सकता है।

संस्था के निदेशक प्रो उदय प्रताप सिंह ने स्वागत वक्तव्य दिया। बताया कि 1995 से संस्था मानवता बचाओ उद्देश्य के साथ कार्य कर रही है। संस्था का जर्नल ‘एशियन मैन’ ख्याति प्राप्त जर्नल है। संस्था से कई प्रॉफेशनल कोर्स चल रहे हैं जो कि अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त हैं। साथ ही समाज के विकास में संस्था का बड़ा योगदान है। कई महान हस्तियाँ इससे जुड़ी हुई हैं।
संस्था के प्रेसिडेंट नवाब मीर जफर अब्दुल्ला ने बताया कि सभी लोगों को इंसानियत का ध्यान रखना चाहिए और एक दूसरे से अदब से पेश आना चाहिए। इंसानों को अपने में इल्म पैदा करनी चाहिए जिससे समाज के विकास मे योगदान दे सकें। संस्था की प्रोग्रैस रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम में डॉ रंजीत, ऐश्वर्या अवस्थी, गौरव मिश्रा, साधना, सुरभि, पूजा, पंखुड़ी, शोभित एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

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