अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुयी है, ऐसे में यूजीसी को 640 विवि का मिला जवाब
नई दिल्ली।
अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की नई गाइडलाइंस आने के बाद देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गुरुवार को कहा कि परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था।
640 विश्वविद्यालयों का मिला जवाब –
यूजीसी की नई गाइडलाइंस आने के बाद 640 विश्वविद्यालयों का जवाब मिला है। इनमें से 454 विश्वविद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या फिर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। 177 विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं पर फैसला लिया जाना बाकी है। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक यूजीसी ने कहा कि 27 प्राइवेट विश्वविद्यालयों, जो 2019-20 के दौरान स्थापित हुए हैं, का फर्स्ट बैच फाइनल ईयर की परीक्षा के योग्य नहीं है। अब देखना यह है कि यूजीसी इस पर क्या निर्णय लेता है। आपको बता दें कि यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के फाइनल ईयर/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है।
कई राज्यों ने अपने यहां रद्द की परीक्षाएं –
दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारें अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों में सभी परीक्षाएं रद्द कर चुकी हैं। जबकि यूजीसी ने सभी राज्यों से अपील की थी कि वह अपने यहां के सभी विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा जरूर कराएं। यूजीसी ने कहा है कि देश में उच्च शिक्षा स्तर में एकरूपता होना बेहद जरूरी है। इसके लिए ही गाइडलाइंस स्वीकार की जाती हैं और उनका अनुसरण किया जाता है। उन राज्यों को भी यूजीसी की गाइडलाइंस माननी चाहिए और फाइनल ईयर की परीक्षाएं करानी चाहिए। अगर हम फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे तो इससे उनकी डिग्री की वैधता पर एक सवाल उठता है।
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शिक्षाविदों ने उठाये सवाल –
शिक्षाविदों ने यूजीसी से कहा, परीक्षा कराने के फैसले को लेकर दोबारा विचार करें
शिक्षाविदों ने यूजीसी को पत्र लिखकर फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के फैसले पर दोबारा विचार विमर्श करने के लिए लिखा है। यूजीसी की प्रमुख डीपी सिंह को लिखे पत्र में लिखा है कि परीक्षाओं पर यूजीसी की लेटेस्ट एडवाइजरी दुर्भाग्यपूर्ण है। ये हमें आगे ले जाने की बजाय पीछे ले जाएंगे।
यूजीसी लेगा जल्द फैसला –
अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर यूजीसी ने साफ़ कर दिया है कि सभी विश्वविद्यालयों को ३० सितम्बर तक परीक्षाएं कराना अनिवार्य है। ऐसे में कई राज्यों ने अपने यहाँ अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। जिस पर अन्य विश्वविद्यालय यूजीसी के नए आदेशों के प्रति निगाह बांधे देख रहे है। जानकारी के अनुसार यूजीसी इस पर जल्द कोई फैसला ले सकता है।