केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब गांवों के पढ़े लिखे होनहार युवाओं को शिक्षक बनाएगी सरकार
नई दिल्ली। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से शिक्षकों की कमी को खत्म करने और गांवों के पढ़े लिखे होनहार युवाओं को उसके आसपास ही रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने नई शिक्षा नीति में बड़ी पहल की है। इसके तहत गांवों के प्रतिभाशाली छात्रों को शिक्षक पेशा की ओर आकर्षित करने के लिए एक मुहिम चलाई जाएगी। इसके तहत उन्हें चार साल का बीएड कोर्स करने के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। यह स्कीम देशव्यापी होगी। इनकी नियुक्ति भी आस-पास के क्षेत्रों में ही की जाएगी।
नई शिक्षा नीति में की गई इस पहल के जरिए कई लक्ष्य साधे गए हैं। पहला ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के बगैर खाली पड़े स्कूलों को शिक्षक मिल जाएंगे। दूसरा यदि वह आसपास के ही रहेंगे तो स्थानांतरण आदि का झंझट नहीं होगी। मौजूदा समय में शिक्षक गांवों में नहीं रहने चाहते हैं। सभी शहरों और उसके आसपास ही अपनी तैनाती चाहते हैं। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के कम से कम स्थानांतरण की बात कही गई है। तीसरा नीति में जिस तरीके से छात्रों को पांचवी तक मातृभाषा में पढ़ाने की बात कही गई है, उसमें भी ग्रामीण परिवेश से जुड़े होने के चलते यह शिक्षक पूरी तरह से फिट रहेंगे।
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पदोन्नति और वेतन में होगी वृद्धि
शिक्षक पेशा की गरिमा को बढ़ाने और शिक्षकों को उच्च दर्जा देते हुए नीति में उनके आदर सम्मान और सुविधाओं को बढ़ाने का जोरदार प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत शिक्षकों के लिए स्कूल के आसपास आवास की व्यवस्था कराने की भी बात कही गई है। यदि आवास नहीं है तो स्थानीय आवास रखने के लिए बेहतर आवास भत्ता दिए जाने का प्रावधान करना होगा। इसके साथ कार्यकाल अवधि या वरिष्ठता के बजाय सिर्फ निर्धारित मानकों के आधार पर पदोन्नति और वेतन में वृद्धि होगी।
गांवों के हुनरमंद भी अब पढ़ाएंगे स्कूलों में
नीति में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में व्यवसाय, ज्ञान और कौशल जैसी शिक्षा देने का प्रस्ताव है। इसके तहत गांवों के ही हुनरमंदों को ही अब प्रशिक्षित तक स्कूलों में मास्टर प्रशिक्षक के रूप में तैनाती दी जाएगी। इनमें फिलहाल जिन्हें शामिल करने का प्रस्ताव है, उनमें स्थानीय कला, संगीत, कृषि, व्यवसाय, खेल, बढ़ईगीरी और अन्य व्यावसायिक शिल्प से जुड़े लोग शामिल है।
विवि में 2030 तक खुलेंगे शिक्षक प्रशिक्षण के अलग विभाग
शिक्षकों की गुणवत्ता को बेहतर रखने के लिए नीति में 2030 तक सभी विवि और कालेजों में शिक्षा विभाग नाम से एक नया विभाग की स्थापना प्रस्तावित की गई है। जो शिक्षा में बीएड, एमएड और पीएचडी की डिग्री प्रदान करेगी। इसके साथ ही टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के दायरे को विस्तृत बनाने पर भी जोर दिया गया है। इसमें विषय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा के साथ साक्षात्कार भी लिया जाएगा। इसमें शिक्षण के प्रति जोश और उत्साह को जांचा जाएगा।