अमेरिकी कंपनियों की चाइना से बेरुखी खोल सकती है भारत के लिए अवसर
कोरोना महामारी के रूप में चाइना के द्वारा पूरी दुनिया को दिया गया अभिशाप अब चाइना की अर्थव्यवस्था के लिए ही घातक सिद्ध हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर वासुदेव कुटुंबकम का सूत्र देने वाले भारत के लिए वरदान सिद्ध होता दिखाई दे रहा है. विशेषकर युवाओं के लिए जो रोजगार के लिए भटक रहे है. यह स्वर्णिम अवसर बन सकता है. खासकर कि अमेरिका की ढेरों कंपनियों ने अब चाइना छोड़कर भारत की ओर का रुख किया है. विशेष रूप से टेक्सटाइल उद्योग के बड़े केंद्र पानीपत में इसकी बानगी देखी जा सकती है. एक वैबिनार में हुए संवाद के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री भरोसा दिला चुके हैं कि नहीं चूकेंगे।
एक वेबीनार में हुए संवाद में मुख्यमंत्री हरियाणा भरोसा दिला चुके हैं कि मौके का भरपूर लाभ उठाया जाएगा. पानीपत के निर्यातकों के पास अमेरिकी कारोबारियों से ऐसे ईमेल पहुंच रहे हैं, जिन्हें पढ़कर अंदाज से लगाया जा सकता है कि उसका चीन से किस तरह मोहभंग हुआ है. इसकी एक बानगी आए एक ईमेल में झलकती है. एक अमेरिकी कारोबारी ने आर्डर भेजते हुए लिखा है हमें अब चीन पसंद नहीं है. हम चीन से उत्पाद नहीं लेना चाहते हैं. क्या हमें “मेड इन इंडिया” भारत से बना माल मिल सकता है. सुखद बात है कि पानीपत के निर्यातकों ने आर्डर मिलते ही डिलेवरी भी शुरू कर दी है. निर्यात के क्षेत्र में कालीन के निर्यातक उत्तर प्रदेश के भदोही और हरियाणा के पानीपत का नाम सबसे आगे रहता है. हाथ से बने उत्पाद और कॉटन के बाद में जैसे उत्पाद में भारत भले ही अच्छी स्थिति में हों लेकिन पॉलिस्टर से बने ऐसे उत्पादों में चीन भारत से करीब 15 गुना आगे रहा है.
इसकी बड़ी वजह है चीन की बेहतर टेक्नोलॉजी कोरोना वायरस की वजह से चीन की तरफ से डिलीवरी बंद हो गई है. वहीं, दुनिया में नकारात्मक संदेश भी गया है कि चीन से ही यह वायरस फैला है. इसी समस्या का समाधान यहां के पढ़े-लिखे युवाओं और सरकार के इनवेस्टमेंट के समन्वय से बन सकता है. सरकार का रुख भी उसकी ओर लगातार सकारात्मक दिखाई दे रहा है. जिससे विश्वास से कहा जा सकता है कि आने वाला समय युवाओं के लिए रोजगार भरा होगा. अमेरिका ही नहीं यूरोपीय देशों के स्टार्स भी चीन का माल नहीं रखना चाहते हैं. वहां मेड इन इंडिया की मांग बढ़ गई है. इससे कुटीर उद्योग का कार्य करने वाले लोगों को तो सीधा लाभ होगा ही साथ ही हजारों करोड़ों की कंपनियां भारत में स्थापित होने की भी संभावना बढ़ी है. जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. ऐसे में आवश्यकता है कि रोजगार चाहने वाले युवा तकनीकी रूप से तैयार रहें.
ऐसे समय में यदि भारत के युवा तकनीकी रूप से तैयार, सजग और एक्टिव रहें तो निश्चय ही इस विपरीत समय का सदुपयोग कर अपना जीवन भविष्य उज्जवल करने में सफल होंगे.