नयी यूजीसी गाइडलाइंस पर विचार करें, एचआरडी मंत्री निशंक को लिखे गए पत्र में पंजाब उच्च शिक्षा मंत्री
नई दिल्ली।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने पत्र लिखकर यूजीसी की नई गाइडलाइंस पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि एचआरडी मंत्रालय और यूजीसी द्वारा जारी रिवाइज्ड गाइडलाइंस पर विचार किया जाना आवश्यक है।
चूँकि महामारी से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में परीक्षा करवा पाना मुश्किल है। वहीं यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के फाइनल ईयर/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है।
सभी राज्यों के हालत अलग-अलग –
बताते चलें कि बाजवा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए एमएचआरडी/यूजीसी गाइडलाइंस को राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए, राज्य सरकारों को अपना फैसला लागू करने की इजाजत मिलनी चाहिए।
सभी छात्रों के ऑनलाइन परीक्षा असंभव –
उन्होंने कहा कि सभी स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन एग्जाम कराना संभव नहीं है क्योंकि काफी छात्र और छात्राएं ग्रामीण इलाकों में रहते हैं जहां उनके पास कंप्यूटर/लैपटॉप व इंटरनेट की सुविधाएं नहीं हैं। इसके अलावा बहुत से कॉलेजों की इमारतों में कोविड-19 केयर हॉस्पिटल, मेडिकल कैंप, क्वारंटाइन सेंटर चल रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी अभी उपलब्ध नहीं है।
दूसरे राज्यों का भी किया उल्लेख –
पंजाब उच्च शिक्षा मंत्री बाजवा ने अपने पत्र में महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुच्चेरी का भी उल्लेख किया जो परीक्षा रद्द करने का फैसला ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि आईआईटी मुंबई, खड़गपुर, कानपुर, रुड़की भी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं रद्द कर चुके हैं।
बता दें कि इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि अभी कोविड-19 के कारण कॉलेज और यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने के लिए परिस्थिति बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम स्टूडेंट्स की हेल्थ को खतरे में नहीं डाल सकते। इसके लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इसके लिए केंद्रों को चाहिए कि वह इन गाइडलाइंस पर पुनः विचार करें।