पहली कट-ऑफ सूची के तहत डीयू को एडमिशन के लिए मिले 60 हजार से अधिक आवेदन
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए पहली कट-ऑफ के तहत 60,904 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अब जल्द ही यूनिवर्सिटी द्वारा दूसरी कट-ऑफ जारी कर एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को पहली कट-ऑफ सूची के तहत दाखिले के लिए 60,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 27,000 से अधिक छात्रों ने शुल्क भुगतान किया है। शुक्रवार को दाखिले के लिए शुल्क भुगतान करने का आखिरी दिन है जबकि बृहस्पतिवार को कॉलेजों के लिए आवेदनों को मंजूरी देने का आखिरी दिन था। डीयू द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तीन दिन की अवधि में 60,904 आवेदन प्राप्त हुए। बृहस्पतिवार को 14,205 आवेदनों को मंजूरी दी गई और 27,006 छात्रों ने शुल्क भुगतान किया।
हिंदू कॉलेज की प्रधानाचार्य अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरी कट-ऑफ सूची में अनारक्षित वर्ग के लिए लगभग सभी पाठ्यक्रम के अवसर समाप्त हो जाएंगे। इसी तरह, मिरांडा हाउस कॉलेज भी कई पाठ्यक्रमों के लिए दूसरी कट-ऑफ सूची जारी नहीं करेगा।
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इस साल सुव्यवस्थित की गई ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के प्राचार्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय ने प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है और खामियों को दूर किया है। पिछले साल नामांकन प्रक्रिया ऑनलाइन हुई थी। कमला नेहरू कॉलेज की प्राचार्य डॉ. कल्पना भाकुनी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय ने इस साल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है। पिछले साल, चूंकि यह पहली बार था, इसलिए हम सभी सीखने की प्रक्रिया में थे। दस्तावेजों को सत्यापित करने की प्रक्रिया संभव नहीं थी क्योंकि उन्हें ऑनलाइन जमा किया जा रहा था।’’
उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षा बोर्डों को ‘डिजिलॉकर’ (एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म) के माध्यम से छात्रों का अंकपत्र उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है और ‘‘हमारे पास वह डेटाबेस उपलब्ध होगा, इसलिए कम से कम अंकपत्र का सत्यापन कोई मुद्दा नहीं होगा।’’
भाकुनी ने कहा कि उनके कॉलेज में लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में बीए (ऑनर्स) पत्रकारिता, बीए (ऑनर्स) इतिहास, बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान और बीए (ऑनर्स) भूगोल शामिल हैं। पिछले साल तक, ‘डिजिलॉकर’ के माध्यम से केवल सीबीएसई और आईएससी का अंकपत्र उपलब्ध था, लेकिन इस साल, सभी परीक्षा बोर्डों के अंकपत्र इस प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध हैं।
आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानतोष कुमार झा ने कहा कि उन्होंने प्रवेश के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनायी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आवेदन कॉलेज में तीन चरणों से होकर गुजरता है – विभाग स्तर, केंद्रीय प्रवेश समिति और फिर प्रवेश संयोजक द्वारा इसकी जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद, यह प्रिंसिपल के पोर्टल पर आता है, जो फिर इसे मंजूरी देता है।