‘सुपर 30’ के लिए मार्च 2022 में होगी परीक्षा, आनंद कुमार ने की घोषणा
Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने कहा कि कई बच्चों ने पढ़ाई में बहुत रुचि दिखाई है। अगले साल मार्च तक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि सुपर 30 के लिए प्रतिभाओं की तलाश की जा सके।
पटना। गरीब छात्रों की मदद के लिए ‘सुपर 30’ कोचिंग कार्यक्रम के संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार ने सोमवार को कहा कि वह ‘सुपर 30’ के लिए प्रतिभाओं को खोजने की खातिर मार्च 2022 में परीक्षा लेंगे। आनंद कुमार ने कहा, ‘बुंदेलखंड में रहने वाले गरीब छात्र पढ़ना चाहते हैं, बच्चों ने पढ़ाई में बहुत रुचि दिखाई है। अगले साल मार्च तक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि सुपर 30 के लिए प्रतिभाओं की तलाश की जा सके।”
उन्होंने कहा, ‘बच्चों ने इंजीनियरिंग और चिकित्सा के प्रति और सामान्य प्रतियोगिताओं के लिए रुचि दिखाई है। वास्तव में, वे मार्गदर्शन चाहते हैं।’ कुमार सोमवार को उप्र के हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र में थे, जहां उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए 2021 के स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने एक समारोह में गुरुकुल कांगड़ी (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री से पुरस्कार प्राप्त किया।
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यह पुरस्कार हर साल दुनिया के उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने शिक्षा और गौसेवा में विशेष कार्य किया है। यह पुरस्कार स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व सांसद, संन्यासी स्वामी ब्रह्मानंद के नाम पर दिया जाता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। सुपर 30 पटना स्थित रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स का एक कोचिंग प्रोग्राम है।
इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों में से 30 मेधावी प्रतिभाओं का चयन करता है और उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रवेश के लिए तैयारी कराता है।
मिल चुका है ‘साराभाई अध्यापक वैज्ञानिक राष्ट्रीय मानद पुरस्कार 2021’
‘सुपर-30’ के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार को गणित सिखाना आसान बनाने एवं गरीब बच्चों को आईआईटी की प्रवेश परीक्षाओं में सफल बनाने के लिये उन्हें कोचिंग देने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक वैज्ञानिक परिषद (एनसीटीएस) ने ‘साराभाई अध्यापक वैज्ञानिक राष्ट्रीय मानद पुरस्कार 2021’ प्रदान किया है। एनसीटीएस के अध्यक्ष चंद्रमौली जोशी ने कहा कि डिजिटल तरीके से हुए एक कार्यक्रम में बिहार के निवासी कुमार को इस संगठन की आजीवन सदस्यता भी प्रदान की गयी।
जोशी के अनुसार कुमार करीब दो दशकों से कमजोर तबकों के बच्चों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिले से संबंधित प्रवेश परीक्षा ‘जेईई एंडवास्ड’ के लिए कोचिंग दे रहे हैं। गुजरात के रमन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फाउंडेशन ने अध्यापकों के बीच वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एनसीटीएस की स्थापना की, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है।