संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की जांच शुरू, मांगा गया रिकार्ड
वाराणसी।
शासन को मिली संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री पाकर कई फर्जी शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात की जानकारी के बाद शासन ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से डिग्री हासिल कर शिक्षक बनने वालों की जांच शुरू करा दी है। शासन के अपर सचिव ने बीएसए को पत्र भेज जिले के छह शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। बीएसए ने टीम गठित कर जांच कराने का कार्य शुरू करा दिया है। बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बाद अब संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करने वालो की जाँच की जा रही है।
स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने शासन को रिपोर्ट भेजकर अवगत कराया है कि संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री पाकर कई फर्जी शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात हैं। इन शिक्षकों के संबंध में पूर्व में भी सूची भेजी गई थी लेकिन अभी तक क्या कार्रवाई हुई इससे अवगत नहीं कराया जा सका है। एसआईटी का पत्र प्राप्त होने के बाद शासन ने बीएसए को पत्र भेजा है। जिसमें एसआईटी से उपलब्ध कराई गई सूची भी भेजी गई है। इस सूची में जिले के छह शिक्षक शामिल बताए गए हैं। शासन ने इन शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है एवं तत्काल जाँच शुरू कर दी गयी है।
मांगे रिकार्ड –
शासन से मिली सूची के अनुसार बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों से उनके विकास खंड में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा है। बीएसए ने कहा कि खंड शिक्षाधिकारी शिक्षकों की सर्विस बुक के साथ ही सभी दस्तावेज, जो नियुक्ति के समय जमा किए गए थे उपलब्ध कराएं।
भेजा गया नोटिस –
संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड कर शिक्षक बनने वाले जिले में कार्यरत छह शिक्षकों को बीएसए ने नोटिस भेजा है। इन शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने सभी मूल दस्तावेजों के साथ उनके कार्यालय में उपस्थित हों।
रिपोर्ट का इंतजार –
बीएसए विजय प्रताप सिंह के अनुसार – शासन के निर्देश पर संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।