जेएनयू की ऑनलाइन एग्जाम में शामिल न हो पाने वाले विद्यार्थियों के लिए बाद में कराये जायेंगे एग्जाम
नई दिल्ली।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक फैसले के अनुसार जो विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे उनके लिए विश्वविद्यालय परीक्षाओं का आयोजन बाद में कराएगा। वीसी एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को यह जानकरी दी। यह फैसला एचआरडी मंत्रालय के उस घोषणा के बाद लिया गया है, जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द नहीं किया जाएगा। ऐसे में अब जेएनयू उन विद्यार्थियों के लिए बाद में परीक्षाएं कराएगा जो ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं दे पाएंगे।
बता दें कि एचआरडी मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की थी कि विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को सितंबर आखिर तक आयोजित कराया जाएगा। हालांकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, सितंबर में अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय उनके लिए विशेष परीक्षाओं का आयोजन करेंगे। जेएनयू के वीसी का कहना है कि अगर कोई विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देने में असफल रहता है तो उसके लिए बाद में परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा। उन्होंने यूजीसी के संशोधित दिशा-निर्देशों का स्वागत किया है। वीसी ने कहा कि जेएनयू में बहुत से स्कूल पहले से ही ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन कर चुके हैं। जिन विद्यार्थियों के पास इंटरनेट का एक्सेस नहीं है और जो ऑनलाइन परीक्षा नहीं दे पाए, ऐसे विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय खुलने के बाद परीक्षाओं का आयोजन कराया जाएगा। यूजीसी ने भी विश्वविद्यालयों को ऐसे छात्रों के लिए विशेष परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति दी है। अब देखना यह है कि इस फैसले से विद्यार्थी क्या कहते है।
बताते चलें कि यूजीसी के नई गाइडलाइंस के बाद से ढ़ेरो विद्यार्थियों सहित शिक्षकों ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है। ट्विटर पर हैशटैग का उपयोग कर इस फैसले को वापस लेने के लिए विद्यार्थी प्रयासरत है। अब देखना यह होगा कि यूजीसी इस पर क्या कुछ नया फैसला लेती है।