अंतिम वर्ष की परीक्षा के यूजीसी के आदेश पर कल होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ये रही जानकारी
नई दिल्ली।
यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी कर सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से यह अनुरोध किया है कि वे अपने यहां के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से कराये व कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में जल्द से जल्द व्यवस्था करा कर सूचित करें। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन्स और अंतिम वर्ष परीक्षाओं को लेकर कल (27 July 2020) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए जस्टिस अशोक भूषण की पीठ मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगी।
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30 सिंतबर से पहले कराएं एग्जाम –
बता दें कि देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के करीब 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर यूजीसी द्वारा 6 जुलाई को जारी की गई रिवाइज्ड गाइडलाइन्स को रद्द करेन की मांग की है। यूजीसी ने अपनी रिवाइज्ड गाइडलाइन्स में देश के सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सिंतबर से पहले करा लें। छात्रों ने अपनी याचिका में मांग की है कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द होनी चाहिए और छात्रों का रिजल्ट उनके पूर्व के प्रदर्शन के आधार पर जारी किया जाना चाहिए।
यूजीसी को 818 विश्वविद्यालयों की मिली प्रतिक्रिया –
वहीं इस मामले पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग लेकर 13 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों ने याचिका दायर की थी। छात्रों ने यह भी मांग की थी कि छात्रों की मार्कशीट 31 जुलाई से पहले जारी की जाए। ३१ याची छात्रों में एक छात्र कोरोना पॉटिव हुआ है जिसने अदालत के माध्यम से गुहार लगाई है कि यूजीसी को निर्देश दिया जाए कि वह भी सीबीएसई मॉडल को अपनाए और छात्रों को बिना परीक्षा के उनके इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर पास किया जाए। इसे मामले पर यूजीसी ने कहा है कि बहुत से विश्वविद्यालय उनसे परीक्षाओं का फाइनल स्टेटस जानना है। यूजीसी को 818 विश्वविद्यालयों की प्रतिक्रिया मिली है जिसमें 603 विश्वविद्यालय या तो परीक्षाएं करा चुके हैं या परीक्षाएं कराने की योजना बना रहे हैं। इनमें से 209र विश्वविद्यालय परीक्षाएं कराए जुके हैं जबिक 394 विश्वविद्यालय ऑनलाइन या ऑफ लाइन परीक्षाएं कराने पर विचार कर रहे हैं।