उच्च शिक्षा से जुड़ी मुख्य खबरें (पीयूएएए व नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय विशेष)
पीयूएएए ने शिक्षा नीति 2020 पर वेबिनार का किया आयोजन, जल्द लागू करने पर दिया जोर
नई दिल्ली :
पंजाब यूनिवर्सिटी एलुमनाई एसोसिएशन (PUAAA) और स्वयं सेल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 डॉट्स ज्वाइनिंग पर वेबिनार का आयोजन किया। पीयू समन्वयक स्वयं सेवक डॉ. विशाल शर्मा ने वक्ताओं का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन किया। इस आयोजन के लिए वक्ता विनीता अरोरा, डॉ. राजीव खोसला और संजीव गुप्ता थे।
एनईपी 2020 की 10+2 से 5+3+3+4 प्रणाली के परिवर्तन को समझाया –
भवन विद्यालय की सीनियर प्रिंसिपल विनीता अरोड़ा ने 2016 के बाद से स्कूल शिक्षा और उसके लाभ में एनईपी 2020 की 10+2 से 5+3+3+4 प्रणाली के परिवर्तन को समझाया। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा और छात्रों के 36 डिग्री मूल्याकन के बारे में बात की, जहा छात्र का मूल्याकन उसके साथियों, स्वयं और शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। प्रतिभागियों के साथ बातचीत के दौरान अरोड़ा ने सहमति व्यक्त की कि शिक्षकों को एनईपी के कार्यान्वयन से पहले प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। ताकि उनकी मानसिकता में बदलाव आ सके जो समय के लिए आवश्यक है ताकि वे शिक्षाविदों के साथ-साथ खेल या अन्य क्षेत्रों जैसे संगीत और नृत्य को भी समान महत्व दें।
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एनईपी 2020 एक बहुत ही सामयिक नीति –
डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, चंडीगढ़ में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव खोसला ने इंग्लैंड, कनाडा, सिंगापुर आदि देशों पर चर्चा की जहा हमारे छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा नीतियों के बारे में चर्चा की। एनईपी 2020 एक बहुत ही सामयिक नीति है, सबसे अच्छे दिमाग का इस्तेमाल किया गया है और इसे बनाने से पहले लाखों सुझावों पर विचार किया गया है। यह देश और शिक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है। संजीव गुप्ता ने पहले उद्योग नीति के पहलू पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नीति का अच्छा हिस्सा यह है कि छात्र अब बहुत कम उम्र से संख्यात्मक कौशल और महत्वपूर्ण सोच प्राप्त करेंगे। जो उन्हें अपने करियर बनाने में मदद करेगा। गुप्ता ने यह भी सुझाव दिया कि प्रशिक्षण और शिक्षण में उद्योग के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों का मिश्रण होना चाहिए।
शिक्षा नीति लागू करने के लिए निरंतर प्रयास जारी –
बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति दोनों सदनों से पास हो गई है। लेकिन इसको लागू करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इसको सही तरीके से लागू करने के लिए कॉन्फ्रेंस, वेबिनार इत्यादी आयोजित हो रहे है ताकि इसके लागू करने मे कोई कमी न रहे। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द इसे लागू कर दिया जाए।
नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में बनेगा एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी पार्क
लखनऊ :
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी पार्क विकसित किया जाएगा जिसका निर्माण दस एकड़ के भू-भाग पर किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए चार करोड़ 70 लाख रुपए आवंटित किए हैं। यह देश के प्रसिध्द पार्कों में से एक होगा, जहां खेती-बारी की आधुनिकतम तकनीक उपलब्ध होगी। यहां सभी प्रकार की फसलों की बोआई से लेकर प्रसंस्करण तक की आधुनिकतम तकनीक देखने को मिलेगी। पार्क का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। यह पार्क उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए वरदान जैसा होगा, जहां से किसान तकनीक के बारे में जान कर व प्रशिक्षण हासिल कर इसके अनुप्रयोग को तैयार हो सकेगा। इसमें फल, फूल व सब्जी की आधुनिक नर्सरी होगी। पॉली हाउस, नेट हाउस बेमौसम खेती बारी के लिए बनाया जाएगा। मत्स्य पालन, मुर्गी पालन व पशुपालन की इकाइयां भी विकसित होंगी।
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सोलर से संचालित होंगी यूनिट्स –
विवि के प्रसार निदेशक डॉ.एपी राव ने बताया कि यहां एकीकृत खेती-बारी का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलेगा। यहां प्रसंस्करण के अंतर्गत सरसों की पेराई, आटा, व चावल को प्रसंस्कृत करने की नई मशीनें स्थापित होंगी। इनका संचालन सौर ऊर्जा से होगा। पार्क में आने वाले किसानों को इन सभी का अवलोकन कराया जाएगा, जिससे वे नई रोजगारपरक जानकारियों को हासिल कर इसका उपयोग कर सकेंगे। इस पार्क में जल की आवश्यकता को विश्वविद्यालय के बीच से निकलने वाले नाले से पूरा किया जाएगा। इसी पर चेकडैम बना कर इसी पानी का प्रयोग किया जाएगा। धरती के भीतर के पानी का प्रयोग बिल्कुल नहीं होगा। इसके लिए भी सोलर पंप लगाए जाएंगे। यह पार्क टेक्नोलॉजी के माध्यम से खेती को नये आयाम तक ले जाने मे मदद करेगा।