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विद्यालय और विश्वविद्यालयों में शिक्षार्थियों के आगमन पर मंत्रालय का मंथन

नई दिल्ली. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों व विश्वविद्यालयों को दोबारा शुरू करने के लिए जो मानक प्रोटोकॉल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है, उसे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समझा जा सकता है। इस सिलसिले में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के केंद्रीय सचिवों ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों के ने राज्यों से सुझाव लिए हैं। जिसमें आए सुझावों का मर्म है कि स्कूलों को महामारी के बचाव से संबंधित तैयारियों के बिना हड़बड़ी में न खोला जाए और विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर लचीला रुख अपनाया जाए। देशभर के स्कूल और विश्वविद्यालय तब से बंद है जब लॉक डाउन 1.0 लागू किया गया था।

हकीकत यह भी है कि हजारों स्कूल अभी घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए व कई विश्वविद्यालय क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदल दिए गए हैं। अमूमन गर्मियों की छुट्टियों के बाद जून के दूसरे हफ्ते से स्कूल फिर से शुरू हो जाते हैं वही विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया अपने चरम पर होती है। इसलिए नए शैक्षिक सत्र को लेकर चिंता वाजिब है। मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि इस बार सत्र 15 अगस्त के आस-पास ही शुरू हो सकता है जिसके अंतर्गत कई विश्वविद्यालयों ने शिक्षार्थियों को ग्रेडिंग सिस्टम के अंतर्गत प्रोन्नति दे दी है तो कई ने कुछ दूसरे आवश्यक कदम उठाए हैं।

यद्यपि इसमें संशय नहीं कि कोरोना महामारी विश्वविद्यालय और स्कूली शिक्षा के सत्र को क्रमबद्ध बनाए रखने में चुनौती साबित हो रही है

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