श्री विश्वकर्मा कौशल विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बांटी डिग्री
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को प्रथम दीक्षांत समारोह का किया गया आयोजन।
पलवल,हरियाणा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें दो मानद डिग्री एवं 159 विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण होने पर डिग्री प्रदान की गई। एसवीएसयू के प्रथम दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति एसवीएसयू माननीय बंडारू दत्तात्रेय जी शामिल हुए। विद्यार्थियों को डिग्री से सम्मानित करने के बाद महामहिम राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा की शैक्षणिक योग्यता ग्रहण करने के पश्चात् डिग्री प्राप्त करना हर विद्यार्थी का सुनहरा स्वप्न होता है, उनका यह स्वप्न आज पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मूल्यवान होनी चाहिए एवं विद्यार्थियों को नौकरी मांगने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना चाहिए। माननीय राज्यपाल ने कहा कि हमें महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा दाखिला देना चाहिए, महिलाओं में कौशल की क्षमता अधिक होती है। डिग्री प्रदान करते हुए उन्होनें एक छात्रा से जानना चाहा कि इसके बाद वह किस क्षेत्र में जाएगी, छात्रा ने इसका बेहतर जवाब दिया जिसकी राज्यपाल ने सभी के सामने प्रशंसा की।
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उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए की वह डिग्री का प्रयोग अपने बेहतर भविष्य निर्माण के लिए करें। उन्होंने कहा की डिग्री ग्रहण करने के बाद आपके पास उज्जवल भविष्य निर्माण करने के ढे़रों विकल्प हैं। महामहिम ने बताया की सरकार कौशल के क्षेत्र में अनेकों बेहतर कार्य कर रही है, जिससे स्वरोजगार एवं रोजगार के अनेकों अवसर प्रदान होगें। अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है यह एक बेहतर कदम है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की गतिविधियों की उन्होंने सराहना की एक बताया कि एसोचैम के द्वारा एसवीएसयू को स्कील के नवाचार मॉडल के तहत अवार्ड से सम्मानित किया। दोहरे शिक्षा मॉडल के अंतगर्त स्कॉच के द्वारा विश्वविद्यालय को अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होने बंचारी लोक कला में रोजगार के अवसर के बारे में भी जानकारी दी।
माननीय कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री हरियाणा सरकार श्री मूलचंद शर्मा ने डिग्री ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा की विद्यार्थियों को चाहिए की वह कौशल के क्षेत्र में कुछ नए नवाचार का निर्माण करें एवं खुद को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय का निर्माण सरकार ने विद्यार्थियों में ज्यादा से ज्यादा कौशल प्रदान करने के लिए किया था। अब विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण के बाद डिग्री हासिल हुई वह वह इसका प्रयोग अपने बेहतर भविष्य निर्माण के लिए करेगें।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित महामहिम राज्यपाल एवं उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के शुभ अवसर पर उपस्थित सभी का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। उन्होंने महामहिम राज्यपाल के कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में आगमन को सबके लिए प्रेरणादायी व उत्साहवर्धन करने वाला बताया। श्री राज नेहरू ने सभी अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्य, विद्यार्थियों भी हार्दिक स्वागत किया।
कुलपति श्री राज नेहरू ने विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यो की जानकारी दी। श्री राज नेहरू ने कहा कि विश्वविद्यालय ने स्थापना के इतने कम समय में ढे़रों उपलब्धियों विभिन्न क्षेत्रों में हासिल कि हैं। उद्योगों के साथ साझेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने अब तक सौ से ज्यादा उद्योगों के साथ साझेदारी की है जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी स्किल्ड हों। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आरएस राठौर ने दीक्षांत समारोह शुरू करने की प्रक्रिया की माननीय राज्यपाल से अनुमति प्राप्त की।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय स्किल कौंसिल सदस्य, एक्सक्यूटिव कौंसिल सदस्य, विश्वविद्यालय कोर्ट सदस्य, विधायक श्री जगदीश नायर, विधायक श्री दीपक मंगला, विधायक श्री नैयनपाल रावत, उपायुक्त पलवल, रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राठौर, डीन एकेडमिक्स प्रो. ज्योति राणा, डीन प्रो. ऋषिपाल, डीन प्रो. सुरेश कुमार, डीन प्रो. निर्मल सिंह, गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्केंड़य आहुजा, आईआईएलएम विश्वविद्यालय गुरूग्राम की कुलपति डॉ. सुजाता साही, श्री हरभजन सिंह, श्री अरविंद कौल, डॉ रविन्द्र राणा आदि उपस्थित रहे।