JNU छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा- यह सरकार विरोध करने वालों से डरती है
भोपाल. इकबाल मैदान में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के विरोध 30 दिन से चल रहे आंदोलन में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष मोदी सरकार को धेरा है. घोष ने कहा कि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपना काम नहीं दिखता, जब भी चुनाव आते हैं तो वह मुद्दा तलाशती है और जेएनयू को टारगेट करती है. आइशी ने कहा, “एक बात साफ कर दूं, अगर आप जेएनयू में ताला भी मार देंगे तो भी देश के युवा बेरोजगारी पर सवाल उठाना बंद नहीं करेंगे. महिलाएं फिर भी अपने हक की लड़ाई के लिए आवाज उठाएंगी.”
इकबाल मैदान में आइशी ने कहा “यहां भोपाल से जो चिंगारी जली है, मैं उसे जेएनयू ले जाने आई हूं, क्योंकि इससे हमें बहुत ताकत मिलती है. दमनकारी सरकार के खिलाफ देशभर में विरोध और आंदोलन जरूरी हैं. इन्हीं आंदोलनों से देश के शासक को एक दिन झुका देंगे.” इकबाल मैदान में महात्मा गांधी को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. करीब 5 हजार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.
रोहित वेमुला को याद करते हुए जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा- आज अगर इतिहास को नहीं समझे तो हम शिक्षा के महत्व को नहीं समझ पाएंगे। जेएनयू ईंट-पत्थर से बनी हूई यूनिवर्सिटी नहीं है, जेएनयू एक सोच है, आजाद भारत की सोच है. यह सोच कहती है कि हर वर्ग के लोग पढ़ेंगे, दलित, महिला और आदिवासी सबको पढ़ने का हक है. दूसरी सोच वह है, जो सावरकर और गोलवलकर की चाटुकारिता करती है और कहती है कि महिला, दलित और मुसलमान नहीं पढ़ेंगे. आज उन्हें ये बताने की जरूरत है हम पढ़ेंगे भी, आगे बढ़ेंगे भी और नई सरकार चुनेंगे, जो हमारे हित में काम करेगी.
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