इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में बढ़ेंगी एलएलबी की 225 सीटें
प्रयागराज. इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) और संघटक महाविद्यालयों में नए सत्र से एलएलबी की 225 सीटें बढ़ जाएंगी. इसके लिए, बार कौँसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अपनी मंजूरी दे दी है. विश्वविद्यालय और कॉलेजों में दस फीसदी ईब्ल्यूएस आरक्षण व्यवस्था लागू होनी है, जिसके तहत सीटें बढ़ाई जाएंगी.
हालांकि, इविवि प्रशासन ने पिछले साल ही बीसीआई से सीटें बढ़ाए जाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उस वक्त बीसीआई ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. बीसीआई की ओर से कहा गया था कि इविवि प्रशासन उपलब्ध सीटों के आधार पर ही दस फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण व्यवस्था लागू कर दे, लेकिन इविवि प्रशासन के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं था, क्योंकि सरकार की स्पष्ट गाइड लाइन थी कि सीटें बढ़ाए जाने के बाद ही ईब्ल्यूएस आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए, ताकि ओबीसी, एससी, एसटी के लिए आरिक्षत सीटें प्रभावित न हों. बीसीआई से सीटें बढ़ाए जाने की अनुमति न मिल पाने के कारण इविवि प्रशासन ने एलएलबी में ईब्ल्यूएस आरक्षण को लागू नहीं किया था, लेकिन नए सत्र में एलएलबी पाठ्यक्रम में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण व्यवस्था को भी लागू करने का रास्ता साफ हो गया है.
बीसीआई ने सीटें बढ़ाए जाने की अनुमति दे दी है. ईब्ल्यूएस आरक्षण के तहत कुल 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जानी थीं. इनमें से दस फीसदी सीटें वर्तमान सत्र और 15 फीसदी सीटें अगले सत्र में बढ़ाई जानी थी. पिछले सत्र में सीटें नहीं बढ़ाई जा सकीं, सो नए सत्र में 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एलएलबी की 300 सीटें हैं. इसके अलावा, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज (एडीसी) और सीएमपी डिग्री कॉलेज में भी एलएलबी की तीन-तीन सौ सीटें हैं. तीनों जगह नए सत्र में 25-25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी. इस तरह इविवि, एडीसी और सीएमपी में 75-75 सीटें बढ़ेंगी. एलएलबी में प्रवेश के लिए काफी मारामारी होती है. तीनों जगह कुल 225 सीटें बढ़ाए जाने से छात्रों के लिए विधि की पढ़ाई करने का अवसर बढ़ जाएगा. इसके अलावा, इविवि में बीएएलएलबी की भी 25 फीसदी सीटें बढ़ाए जाने की तैयारी है.
साभार- अमर उजाला