पहली बार माता-पिता बनने वालों के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की अनोखी पहल, शुरू की खास कार्यशाला
लखनऊ. पहली बार गर्भ धारण करने जा रही महिलाओं के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने विशेष पहल की है. इसके तहत पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को प्रशिक्षित करने का काम किया जाएगा. मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, महिलाओं को गर्भ के दौरान कैसे रहना है, क्या खान-पान हो और कैसे अपने मन व मष्तिस्क को शांत रखें आदि की सलाह और प्रशिक्षण देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय पूरी तैयारी कर चुका है. एक महीने के बाद इसके बारे में कार्यशाला की शुरुआत कर दी जाएगी जिसमें माँ बनने वाली महिलाओं को एक ही छत के नीचे स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, संगीतज्ञ, आयुर्वेद विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक, योगा प्रशिक्षक आदि की सलाह प्राप्त हो सकेगी.
इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के सूचना प्रकाशन एवं जनसंपर्क निर्देशक दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि जो पहली बार माता पिता बनने जा रहे हैं या उनके मन में माता-पिता बनने का विचार आया है अथवा किसी महिला ने पहली बार गर्भधारण किया है तो विश्वविद्यालय द्वारा गर्भ संस्कार कार्यशाला की शुरुआत की जा रही है. यह अपने आप में एक ऐसा पहला कार्यक्रम है जो संभवत किसी विश्वविद्यालय में नहीं हुआ होगा. कार्यशाला के माध्यम से मां को गर्भ धारण करने से लेकर के डिलीवरी तक कैसे रहना है क्या खाना है, घर का माहौल कैसा होना, गर्भधारण के दौरान पहनावा कैसा होना चाहिए. मां और पिता की सोच कैसी होनी चाहिए, पूरे परिवार का सहयोग कैसा होना चाहिए आदि की जानकारी दी जाएगी. जी के साथ यह कार्यशाला उन लोगों के लिए भी मददगार साबित हो सकती है जो माता-पिता बनने की प्लानिंग कर रहे हैं. ऐसे नवविवाहित जोड़ों की काउंसलिंग करके उनको मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा. ताकि भारत के भविष्य का जन्म मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ हो. इस कार्यशाला में न केवल माता बल्कि पिता व पूरा परिवार भी शामिल हो सकता हैं.
पहले चरण की कार्यशाला के लिए तैयारी पूरी कर ली गईं है.मार्च के अंत तक कार्यशाला शुरू कर दी जाएगी. कार्यशाला के लिए गृह विज्ञान विभाग को नोडल सेंटर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए जिला परियोजना अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार, जिला प्रोबेशन अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री के साथ ही कई स्वयंसेवी संगठन और यूनिसेफ का भी सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही किंग जॉर्ज चिकित्सालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के विशेषज्ञ, योगा प्रशिक्षक, भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय के संगीतज्ञ आदि का सुझाव भी एक ही छत के नीचे लोगों को प्राप्त हो सकेगा. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण की तैयारी पहले चरण के रुझान पर निर्भर करेगी. यहाँ न केवल कार्यशाला का आयोजन होगा बल्कि काउंसलिंग सेंटर भी बनाया जायेगा.
गर्भ संस्कार कार्यशाला का आइडिया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिया है. दरअसल वह हाल ही में जर्मनी दौरे पर गई थी जहां पर इसी तरह के कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ी न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ पैदा हो. राज्यपाल के दिशा निर्देश पर ही विश्वविद्यालय द्वारा गर्भ संस्कार कार्यशाला की शुरुआत की जा रही है.
इस कार्यशाला में किसी भी आय वर्ग की महिलाएं शामिल हो सकती हैं. वह चाहे हाई प्रोफाइल हो अथवा गरीब सभी को यह सुविधा विश्वविद्यालय देगा. बस जरूरत होगी तो उनको एक फॉर्म भरने की, जो कि विश्वविद्यालय में बनाए गए नोडल सेंटर से प्राप्त होगा. गर्भवती महिला का कार्ड बनेगा जिसमे प्रत्येक माह की प्रगति रिपोर्ट होगी. किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक कार्यशाला व काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
An eagle does not catch flies.