महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति ने तुगलकी फरमान लिया वापस, शुल्क जमा करने की तारीख बढ़कर 31 जुलाई हुई
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षार्थी अब 31 जुलाई 2020 तक में मैस शुल्क व छात्रावास शुल्क जमा कर सकते हैं। Covid-19 के कारण उपजी समस्याओं और लाकडाउन से हुई आर्थिक समस्याओं और छात्रों की आर्थिक स्थिति को कमजोर देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
बताते चलें कि मैं शुल्क जमा करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिक्षार्थी और अभिभावकों के बीच तनातनी हो गई थी। दरअसल, प्रधानमंत्री के लॉक डाउन पर दिए निर्देशों, छात्रों और अभिभावकों के कड़े प्रतिरोध से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति बैकफुट पर आ गए हैं। वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति कादर नवाज खान ने एक तुगलकी फरमान जारी कर शिक्षार्थी को 30 मई 2020 तक मेस शुल्क व छात्रावास शुल्क जमा करने का निर्देश दिया था।
इतना ही नहीं विद्यार्थियों को कड़े शब्दों में स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि यदि वे शुल्क समय से जमा नहीं करेंगे तो अगले सत्र में उनका प्रवेश रोक दिया जाएगा। तुगलकी फरमान से शिक्षार्थी और उनके अभिभावक सक्ते में आ गए थे । अभिभावकों व शिक्षार्थियों के कड़े प्रतिरोध को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना फैसला बदल दिया है। बहरहाल विश्वविद्यालय प्रशासन के इस बदले रुख और शिक्षार्थियों के पक्ष में दिए इस नए फरमान से शिक्षार्थियों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।