यूजीसी की एडवाइजरी पर कई राज्यों ने जताया विरोध केंद्र सरकार से रिव्यू करने की मांग की
नई दिल्ली।
कोरोना महामारी के बढ़ते मामलो के बीच यूजीसी की गाइडलाइन्स का कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने ऐतराज जताया है और केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उक्त गाइडलाइन्स पर समीक्षा करने की मांग की है। बता दें कि राजस्थान और पंजाब सरकार ने यूजीसी की एडवाइजरी सितंबर तक कॉलेज और यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर की परीक्षा कराने का विरोध किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फैसला किया है कि वो पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यूजीसी ने निर्देशों पर रिव्यू करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा है कि अभी कोविड-19 के कारण कॉलेज और यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने के लिए परिस्थिति बिल्कुल सही नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालयों और कालेजों में परीक्षाएं कराना खतरों से खाली नहीं होगा।
स्टूडेंट्स के सेहत को हो सकता है खतरा –
साथ ही उन्होंने कहा कि हम स्टूडेंट्स के सेहत को खतरे में नहीं डाल सकते। इसके लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। वहीं राजस्थान सरकार कॉलेज और यूनिवर्सिटी एग्जाम के फाइनल ईयर के एग्जाम कराने को लेकर यूजीसी के दिशा- निर्देशों पर लीगल ओपनियन ले रही है। यह जानकारी राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने दी।
वहीं राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि इस परिस्थिति में जब कोविड-19 केस तेजी से बढ़ रहे है, ऐसे में परीक्षा कराना सही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ही लिया जाएगा।
अनिश्चिताओं का सामना कर रहे है राज्य –
आपको बता दें कि राज्य के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज के लाखों बच्चे फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। दरअसल परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार और यूजीसी दोनों अलग-अलग हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षाओं की तैयारी करने में कठिनाई भी हो रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने भी जताया है उक्त दिशा-निर्देशों पर अपना विरोध – (यहाँ पढ़े)
डिग्री की वैधता पर उठ सकता है सवाल –
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने गुरुवार को कहा कि अगर हम फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे तो इससे उनकी डिग्री की वैधता पर एक सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि बदलती हुई कोविड-19 की परिस्थितियों और छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए जुलाई में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराना संभव नहीं था, इसलिए 30 सिंतबर तक परीक्षा कराने की गाइडलाइंस दी गई हैं।