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मेरठ विश्वविद्यालय: ई-कांफ्रेस में हुई उभरते संक्रमण और जूनोटिक रोगों पर चर्चा - Global E-Campus
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मेरठ विश्वविद्यालय: ई-कांफ्रेस में हुई उभरते संक्रमण और जूनोटिक रोगों पर चर्चा

मेरठ. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ई-कांफ्रेंस के दूसरे दिन देश विदेश के विभिन्न #संस्थानों के अनेक विशेषज्ञों ने ई-कांफ्रेस में शामिल होकर अपने-अपने विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

इसमें #सिंगापुर से डॉक्टर शैल्जा सिंह #आईसीएआर #आईआईएसडब्ल्यूसी से डॉक्टर मुरूगनन्दम एवं डॉक्टर इलोंगो शामिल रहे। इन्होंने #शोध के साथ साथ वर्तमान समय में उभरते #संक्रमण और जूनोटिक रोगों के विषय में भी चर्चा की। सत्र का पहला व्याख्यान डॉक्टर जयालक्ष्मी मदुरई, कामराज विवि, तमिलनाडु द्वारा नेचुरल किलर सेल्स से संबंधित विषय पर दिया। उन्होंने नेचुरल किलर सेल्स की हमारे शरीर में भूमिका को समझाते हुए उनकी कार्यप्रणाली का वर्णन किया तथा ऑटो #इम्यून रोगों एवं #कैंसर संबंधित विषयों पर पर चर्चा की।

दूसरे सत्र में डाॅक्टर इलेंगों द्वारा आनुवंशिकी गडबडी और संक्रमण की संवेदनशीलता के बारे में जानकारी प्रदान की। तत्पश्चात जवाहर लाल नेहरू #यूनिवर्सिटी दिल्ली की डॉक्टर शैल्जा सिंह ने मलेरिया की दवाओं का पुनः उपयोग प्रगति तथा चुनौतियों इत्यादि पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। जिसके बाद सिंगापुर से जुडे डॉक्टर बी0 रामनाथन ने जूनोटिक रोगों के उन्मूलन के लिए प्रभावी नियंत्रण उपायों को साझा किया। डॉक्टर मुरूगनन्दम द्वारा जूनोटिक रोगों तथा मानव पशुधन एवं मछली स्वास्थ्य सेवा की बढती चिंताओं को व्यक्त करते हुए प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न संस्थानों के 31 प्रतियोगियों ने भाग लिया और ओरली पोस्टर प्रेंसेंट किया।

पोस्टर प्रेसेंट करने वाले प्रतियोगी मुख्यतः #मेरठ, #दिल्ली, #तमिलनाडु, #कर्नाटक, #हरियाणा, #चंढीगड, #केरल तथा #राजस्थान के थे।
सत्र का अंत वेलेडिक्टरी से हुआ, जिसमें ई- कांफ्रेंस के संयोजक प्रो एचएस सिंह ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय ई-कांफ्रेंस के लिए होने वाले कुल रजिस्ट्रेशन की संख्या 180 रही। जबकि #पोस्टर प्रेजेंटेशन की संख्या 31 रही तथा कुल स्पीकरों की संख्या 10 रही। इस दौरान प्रो संजय भारद्वाज, प्रो अशोक कुमार चैबे, प्रो नीलू जैन गुप्ता, डाॅ दुष्यंत चौहान मौजूद रहे।

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