अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चे पुराछात्रों से लेंगे प्रेरणा, सम्मान भी होगा
प्रयागराज के बीएसए ने बताया कि परिषदीय स्कूलों से पुराछात्रों को भी जोड़ा जाएगा। यदि कोई पुराछात्र किसी विशेष क्षेत्र में सफल हुआ है तो उसे विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। सभी विद्यालय अपने स्कूल से पढ़े पुराछात्रों का विवरण भी जुटा रहे हैं।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास सरकार की ओर से किए जा रहे हैं। शिक्षकों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाएं। इसमें अभिभावकों का भी सहयोग लिया जाए, जिससे स्कूलों की छवि बदलने और उन्हें बेहतर बनाने में मदद मिले। अब स्कूलों से पुराछात्रों को भी जोड़ने की योजना है।
कूल पुराछात्रों का जुटा रहे विवरण
प्रयागराज के बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि स्कूलों से पुराछात्रों को भी जोड़ा जाएगा। यदि कोई पुराछात्र किसी विशेष क्षेत्र में सफल हुआ है तो उसे विद्यालय में बुलाकर सम्मानित कराने की भी तैयारी है। सभी विद्यालय अपने स्कूल से पढ़े पुराछात्रों का विवरण भी जुटाने में लगे हैं। प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि वह अपने सभी पुराछात्रों से संपर्क स्थापित करें। संभव हो तो उन्हें विद्यालय बुलाएं। उनका सम्मान करने के साथ ही बच्चों से भी मिलवाएं। इससे विद्यार्थी प्रेरित होंगे। पुराछात्र परिषद का भी गठन करें और उसकी सूची विद्यालय में लगाएं।
यह भी पढ़ें – यूजीसी नेट जून 2021 और दिसंबर 2020 परीक्षाओं के लिए ओपेन हुई अप्लीकेशन करेक्शन विंडो, 12 सितंबर तक मौका
शिक्षक-अभिभावक समितियों के गठन अनिवार्य
परिषदीय स्कूलों में विद्यालय प्रबंध समितियों व शिक्षक अभिभावक समितियों के गठन के बाद पुरातन छात्र परिषद का गठन किया जाएगा। परिषद के सदस्यों का नाम भी विद्यालय भवन पर अंकित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह कार्य दस सितंबर तक पूरा करना होगा।
बेसिक शिक्षाधिकारी ने कहा प्रभावी शिक्षण व्यवस्था बनाने का है प्रयास
बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि प्रभावी शिक्षण व्यवस्था बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्थानीय तत्वों को शिक्षण व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। हर महीने पहली तारीख को शिक्षक अभिभावक बैठक अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में पुरातन छात्र परिषद का गठन कर, परिषद के सदस्यों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। इससे विद्यालय समुदाय बंधन को मजबूती मिलेगी।