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पेड़-पौधों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकृति का वरदान हैं : प्रो. टंकेश्वर कुमार

प्रोफेसर टंकेश्वर

 

 

 

 

 

हिसार : पेड़-पौधों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकृति का वरदान हैं यह कहना है प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार का। वह विज्ञान भारती हरियाणा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वेबीनार में बोल रहे थे। मुख्य अतिथि प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पेड़ पौधों व पर्यावरण की महत्व पर प्रकाश डाला तथा इस बात पर बल दिया कि मनुष्य जाति के लिए पौधों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति निष्काम व मुफ्त सेवा प्रकृति का वरदान है। उन्होंने आगे बोलते हुए जैविक विविधता संरक्षण के विषय पर भी प्रकाश डाला। यह वेबीनार विज्ञान भारती हिसार इकाई द्वारा किया गया। प्रो. डेजी बातिश, वनस्पति विज्ञान विभाग पंजाब विश्विद्यालय व प्रो. आर. भास्कर, पर्यावरण विज्ञान विभाग गुरू जम्भेश्वर प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विश्विद्यालय, हिसार इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल रहे। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर विज्ञान भारती हिसार इकाई के संरक्षक एवं गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विज्ञान भारती हरियाणा की अध्यक्षा प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने संगोष्ठी का शुभारंभ किया व मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ताओं व उपस्थित गणमान्य श्रोताओं के स्वागत किया। प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने विज्ञान भारती हिसार इकाई के बारे में परिचय दिया और इसकी विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। मुख्य वक्ता प्रो. डेजी बातिश ने प्रकृति को वास्तविक रूप में बनाए रखने के लिए, हम क्या कर सकते हैं- इस विषय पर विस्तार से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की, उन्होंने वातावरण में जैविक विविधता को संरक्षित करने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए। पर्यावरण आधारित तीन मुख्य सिद्धांतों का भी वर्णन किया। अंत में ड़ॉ. बातिश ने परितंत्र के उद्धार के लिए मानव जाति द्वारा भविष्य में करने वाले कार्यकलापों के बारे जानकारी दी। मुख्य वक्ता प्रो. आर. भास्कर ने पारितंत्र व्यवस्था के उद्धार हेतु मनुष्य जाति के सम्मुख आवश्यक विषय व चुनौतियों के बारे सारगर्भित विचार प्रस्तुत करते हुए वर्तमान कोविड परिस्थिति में प्रकृति के प्रत्येक वर्ग के संरक्षण से संबंधित कार्य योजनाओं का उल्लेख किया। पर्यावरण के शुद्धीकरण व वास्तविकता को बरकरार रखने के लिए 17 विभिन्न विकास बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। अंत में उन्होंने गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के बताए हुए लक्ष्यों व सिद्धांतों का अनुसरण करने व अग्रसर रहने का आह्वान किया।
इस संगोष्ठी में विभिन्न संस्थाओं, संगठनों, विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के लगभग 75 प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों ने भाग लिया। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विज्ञान भारती हिसार इकाई के संयोजक ड़ॉ. बलदेव राज कम्बोज, विज्ञान भारती हरियाणा प्रान्त अध्यक्ष डॉ. जवाहर लाल एवं सचिव डॉ. बिंदु मंगला, विज्ञान भारती हिसार इकाई के उपाध्यक्ष ड़ॉ. संजय बरुआ ने अपनी सहभागिता सुनिशिचित की। विज्ञान भारती हिसार इकाई से डॉ. दीपक केडिया एवं डॉ. विवेक गुप्ता ने संचालन किया। अंत में प्रो. हरी दत्त कौशिक, सचिव विज्ञान भारती हिसार ने सभी उपस्तिथ गणमान्य प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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