पिथौरागढ़ के छात्रसंघ ने की विश्वविद्यालय की मांग
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर अब सीमांत क्षेत्रों से भी आवाज उठने लगी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जौलजीबी कस्बे के लोगों ने तथा एक छात्रसंघ ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना होने से 12 अन्य महाविद्यालयों की स्थिति भी सुधरेगी।
जौलजीबी क्षेत्र के छात्रसंघ नेता ने कहा कि सबसे निकटवर्ती महाविद्यालय 12 किमी. दूर बलुवाकोट में हैं। गोरी छाल और धारचूला तक के युवा इसी महाविद्यालय में पढ़ने के लिए आते हैं। महाविद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय है। एक दशक बाद भी न तो महाविद्यालय का अपना भवन बना है और न ही महाविद्यालय में पूरे विषयों की पढ़ाई हो रही है। प्राध्यापकों के अधिकांश पद खाली पड़े हुए हैं। मजबूर छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए जिला मुख्यालय या जनपद से बाहर जाने को मजबूर हैं।
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छात्रनेताओं का मानना है कि पिथौरागढ़ में विश्वविद्यालय खुलने की स्थिति में दूरदराज के क्षेत्र में स्थित महाविद्यालयों की स्थिति भी सुधरेगी। सीमांत क्षेत्र के लोग पिथौरागढ़ में विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की मांग का समर्थन कर रहे हैं। पूर्व में इसके लिए चले आंदोलन में भी क्षेत्र के लोगों ने अपना सहयोग दिया था। यह मांग चीन और नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र के लिए बेहद जरू री है। इसके पूरा होने से दूरदराज के महाविद्यालयों को लाभ मिलेगा।