इलाहाबाद विश्वविद्याल का नाम बदलने के विरोध में छात्र, शिक्षकों के नाम लिखेंगे खुला खत
प्रयागराज. इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) का नाम बदलकर प्रयागराज विश्वविद्यालय किए जाने का विरोध तेज हो गया है. शनिवार को इविवि के छात्रसंघ भवन पर हुई छात्र नेताओं की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई.
इसमें सभी प्रस्ताव की निंदा की और निर्णय लिया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों के नाम पर खुला पत्र जारी किया जाए कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को कार्य परिषद की बैठक में पूर्ण बहुमत से अस्वीकार कर दिया जाए. बैठक में छात्र नेता अजय सम्राट ने आरोप लगाया कि कार्यवाहक कुलपति संघ के दबाव में ऐतिहासिक धरोहर को तार-तार करने पर तुले हैं. पूरा छात्र समुदाय इसकी निंदा करता है.
बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) का नाम बदलकर ‘प्रयागराज विश्वविद्यालय’ किए जाने की तैयारी हो गई है। इस प्रस्ताव को कार्य परिषद के एजेंडे में शामिल कर लिया गया है और अगली बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाए जाने की उम्मीद है.
कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने इविवि प्रशासन के समक्ष विश्वविद्यालय का नाम ‘प्रयागराज विश्वविद्यालय’ किए जाने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद इविवि प्रशासन ने इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए. इस बाबत पूर्व कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल की ओर से 27 नवंबर 2019 को इविवि प्रशासन को पत्र भेजा गया था.
इससे पूर्व मुख्य सचिव की ओर से भी अक्तूबर 2018 में इविवि प्रशासन को इस संबंध में पत्र जारी किया गया था और 10 फरवरी 2020 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अनु सचिव राजू सारस्वत की ओर से भी पत्र जारी कर दिया गया.
इविवि प्रशासन ने इन तमाम पत्रों को संज्ञान में लेते हुए इविवि का नाम बदलकर ‘प्रयागराज विश्वविद्यालय’ किए जाने से संबंधित प्रस्ताव को कार्य परिषद के एजेंडे में शामिल कर लिया है. इस मुद्दे पर 16 मार्च को निर्णय लिया जाना था लेकिन इविवि प्रशासन ने कोरोना वायरस के मद्देनजर 16 को प्रस्तावित कार्य परिषद की बैठक स्थगित कर दी थी. प्रस्ताव एजेंडे में शामिल हो चुका है। ऐसे में कार्य परिषद की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा.
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