IIT और IIM से मिलते-जुलते नाम नहीं रख पाएंगे संस्थान, रद्द हो सकती है मान्यता
नई दिल्ली. अब आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, आईआईएससी, एमएचआरडी, एआईसीटीई, यूजीसी जैसे मिलते-जुलते छोटे नामों का संस्थान प्रयोग नहीं कर सकेंगे. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एआईसीटीई रेग्यूलेशन-2020 में निजी संस्थानों द्वारा ऐसे नामों के प्रयोग पर रोक लगा दी है. यदि कोई संस्थान ऐसे नामों का प्रयोग करता है तो जुर्माने के साथ ही मान्यता रद्द करने की भी कार्रवाई हो सकती है.
एआईसीटीई रेग्यूलेशन-2020 के तहत इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, प्लानिंग कॉलेजों के लिए पूरे नाम और संक्षिप्ताक्षर लिखने के नियम तय किए गए हैं. अब तक संस्थान छोटे नाम में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम जोड़ लेते थे. इससे छात्र भ्रमित होते थे. उन्हें लगता था कि इनका आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी जैसे संस्थानों से जुड़ाव है. इस भ्रम से बचने के लिए यह नियम बनाया गया है.
तकनीकी शिक्षण संस्थानों को आधिकारिक वेबसाइट पर फीस, सीट, कोर्स और उपलब्ध शिक्षकों आदि की पूरी जानकारी अपलोड करनी ही होगी. छात्रों को शिक्षकों की पढ़ाई, डिग्री व योग्यता की भी जानकारी देनी होगी. फीस किस आधार पर किन माध्यमों से ली जाएगी, यह भी विस्तार से बताना होगा. वेबसाइट और दाखिला आवेदन पत्र में लिखी फीस के अलावा छात्रों से कोई फीस नहीं ली जा सकेगी.
नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि कोई भी संस्थान या कॉलेज छात्र के मूल प्रमाण-पत्र नहीं रख सकेगा। दाखिले के बाद मूल प्रमाण-पत्र जांचने के बाद लौटाने अनिवार्य रहेंगे. संस्थान मूल प्रमाण की फोटो कॉपी रख सकते हैं.