प्रो. एनके तनेजा समिति का फैसला स्वीकार, राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षा नहीं होगी इस साल
लखनऊ।
कोविड-19 संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश में इस साल राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराने का फैसला किया गया है। इस वर्ष सभी विद्यार्थियों एक समान प्रोन्नति का फॉर्मूला तय करने को कहा गया है। परीक्षाओं के आयोजन को लेकर मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है।
उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट के दौरान विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के आयोजन के लिए मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप दी, और इस साल विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराने, सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही प्रोन्नत किए जाने का सुझाव दिया।
समिति का मानना है कि देश व प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से कराया जाना संभव नहीं है। परीक्षाएं आयोजित कराने से शिक्षकों और विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा रहेगा। सरकार ने परीक्षाएं नहीं कराने के समिति के सुझाव को सैद्धांतिक रूप से मान लिया है, लेकिन सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान प्रोन्नति का फॉर्मूला तय करने को कहा है। प्रदेश में 18 राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 48 लाख से अधिक विद्यार्थियों पर इसका असर होगा।
उत्तर प्रदेश में 18 राज्य विश्वविद्यालय, 27 निजी विश्वविद्यालय, 169 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालय, 6531 वित्तविहीन महाविद्यालयों में लगभग 48 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।