किसी भी विश्वविद्यालय का रिसर्चर ले सकेगा पीएम रिसर्च फैलोशिप का लाभ
नई दिल्ली. शुक्रवार की सुबह शोध करने वाले शिक्षार्थियों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई. मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप स्कीम का दायरा बढ़ा दिया गया है. इसका लाभ अब देश के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डिग्री कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र ले सकेंगे. हालांकि, इसके लिए भी ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट यानी गेट में न्यूनतम स्कोर 650 या फिर सीजीपीए कैलकुलेटर ग्रेड प्वाइंट एवरेज न्यूनतम 8 होना जरूरी होगा. इसके साथ ही, अब लेटरल एंट्री से भी इसमें प्रवेश दिया जाएगा.
छात्र और संस्थानों की मांग को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को योजना से जुड़ी हुई कई अहम बदलाव की जानकारी दी.
अभी देश के 25 एनआईटी के ही छात्र इस स्कीम का लाभ ले सकते थे. अब इसके दरवाजे लेटरल एंट्री के लिए भी खोल दिए गए हैं. यानी जो छात्र किसी भी संस्थान से या विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हैं. वह सभी इस योजना के तहत से रिसर्च फेलो बन सकते हैं.