Indian News

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री व दिव्यांग सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक शासन के रडार पर

लखनऊ।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री व दिव्यांग सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक शासन के रडार पर हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों को संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजकर सत्यापन कराने की तयारी कर रहा है। वहीं इस मामले में स्थानीय स्तर पर सत्यापन के लिए गठित ब्लाक स्तरीय समितियां भी प्राथमिक तौर पर अभिलेखों का अवलोकन कर रही हैं। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।

बताते चलें कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है। शासन की सिफारिश पर एसआइटी जांच कर रही है। शासन के निर्देश पर परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। लेकिन एसआइटी के निशाने पर दिव्यांग सर्टिफिकेट व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक हैं। ऐसे में विभाग ने भी विशेष तौर पर ऐसे शिक्षकों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। इनका अलग से डाटा तैयार किया जा रहा है।

बीइओ कार्यालय पहुंचकर करा रहे सत्यापन –
बता दे कि बीएसए ने शिक्षकों के अभिलेखों के सत्यापन के लिए बीइओ की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय समितियों का गठन किया है। वहीं नियुक्ति के समय बीएसए कार्यालय में जमा शिक्षकों के मूल शैक्षिक अभिलेख उन्हें लौटा दिए गए हैं। शिक्षक बीइओ कार्यालय पहुंचकर अभिलेखों का सत्यापन करा रहे हैं। इसके बाद अभिलेख दोबारा जमा करा लिए जाएंगे। विभाग संबंधित विश्वविद्यालयों को शैक्षिक अभिलेख भेजकर दोबारा सत्यापन कराएगा। हालांकि प्राथमिक जांच में अभी तक जिले में फर्जीवाड़े का एक भी मामला सामने नहीं आया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो विश्वविद्यालयों में भेजकर सत्यापन कराने पर फर्जीवाड़ा पकड़ में आ सकता है। इसलिए शैक्षिक अभिलेखों को जल्द भेजने की कोशिश की जा रही है और जल्द इस मामले में सम्बंधित लोगो पर कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button