आगरा विश्वविद्यालय पर्चा लीक मामले में 7 आरोपी गिरफ़्तार, फरार क्लर्क की तलाश जारी
आगरा. यहां स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय पेपर लीक मामले में टूंडला पुलिस ने सात युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी ने मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर खरीदा व बेचा था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस व एसओजी टीम फरार चल रहे महाविद्यालय के क्लर्क व पेपर बेचने व खरीदने के सरगना और अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है.
13 मार्च को विश्वविद्यालय के जूलॉजी व गणित का पेपर लीक हो गया था. मामला सबके सामने आने पर विश्वविद्यालय की ओर से गठित टीम ने नोडल सेंटर ठाकुर बीरीसिंह महाविद्यालय में छापा मारा था. जांच में सेंटर पर पेपर कम मिले थे.
कुछ पेपर कॉलेज के प्राचार्य व नोडल ऑफीसर डॉ. बहादुर सिंह के घर से बरामद हुए थे. साथ ही, एक भरी हुई ओएमआर सीट मिली थी. मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ.राजीव कुमार ने प्राचार्य डॉ. बहादुर सिंह, लिपिक वीरेंद्र सिंह व कंप्यूटर ऑपरेटर मो.इमरान रजा के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
इस मामले में बुधवार को प्राचार्य ठा. बहादुर सिंह व कंप्यूटर ऑपरेटर मो इमरान रजा को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. वहीं क्लर्क वीरेंद्र सिंह अभी फरार चल रहा है. शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे सात युवकों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में युवकों ने पेपर खरीदने एवं बेचने की बात को स्वीकार किया है.
आरोपी युवकों ने पुलिस को बताया कि उनके पास व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर आया था। पेपर को उन्होंने दूसरे साथियों से खरीदा था तथा अपने पैसे निकालने के लिए उस पेपर को बेचा भी था। उन्होंने पेपर 500 से 1500 रुपए तक खरीदा व बेचा था।