वाराणसी में खुलेगा कौशल विकास विश्वविद्यालय, आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी गति
लखनऊ।
देश में नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होने युवाओं को लेकर ढेरों योजनाएं संचालित की। स्वावलम्बी युवा बनने के लिए हमेशा युवाओं को प्रेरित किया। उनके कौशल विकास के लिए ढेरों कार्यक्रम प्रसारित करवाएं। अब उनकी कौशल विकास के नजरिये को लेकर कौशल विकास विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है। बता दें कि बनारस में कौशल विकास विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है। यह पूर्वांचल के युवाओं को सौगात होगी। विश्वविद्यालय में कौशल मिशन के तहत तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा देने के साथ ही शोध भी होंगे। इसके अलावा निजी कंपनियों की मदद से बाजार में मांग के अनुरूप अनुबंध पर पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे। युवाओं को हमेशा स्वावलम्बी बनने के लिए उनमे कौशल विकास की आवश्यकता होती है, ऐसे में यह विश्वविद्यालय उन्हें बहुत मदद करेगा।
100 एकड़ जमीन में बनेगा विश्वविद्यालय –
बताते चले कि कौशल विकास मंत्रालय ने इस संबंध में जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है। विश्वविद्यालय के लिए करीब 30 से 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। प्रशासन ने पिंडरा में स्थित करीब 100 एकड़ सरकारी जमीन में यह हिस्सा देने की तैयारी शुरू कर दी है। पिंडरा एसडीएम को जमीन के राजस्व के रिकॉर्ड सहित अन्य दस्तावेज का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मंत्रालय की डिमांड पर अगले हफ्ते तक जमीन के संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा। जिससे आगे की कार्यवाही की जा सकेगी।
भारत बनेगा आत्मनिर्भर –
वहीं इस मामले में जिलाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय खुलना न केवल पूर्वांचल बल्कि यूपी, बिहार, झारखंड सहित आसपास के प्रदेशों के युवाओं के लिए यह सुनहरा मौका होगा। देशभर में कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों के कौशल विकास की व्यवस्था अभी तक कहीं नहीं है। लिहाजा सरकार ने बनारस में विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को तेजी से गति देगा।
प्रस्तावित पाठ्यक्रम पर एक नजर –
- हेल्थ केयर और फिजियोथेरेपी
- वेलनेस मैनेजमेंट प्रोग्राम
- डाटा कलेक्ट करने का प्रशिक्षण
- कृषि की नवीन तकनीक आधारित पाठ्यक्रम
- स्किल इन इलेक्ट्रिक व्हीकल