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फिर उठी शिक्षण शुल्क माफी की पुरजोर मांग

लखनऊ. कोरोना काल में शिक्षण शुल्क माफ करने की मांग लगातार उठ रही है। इसी क्रम में अभिभावक समिति के 4 सदस्यीय दल ने उप-मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उप-मुख्यमंत्री से भेंट कर प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगें रखीं। कोरोना संक्रमण काल में विद्यालयों द्वारा लिए जा रहे शिक्षण शुल्क के माफ किए जाने पर समिति के सदस्यों ने जोर दिया।

अभिभावक समिति के सदस्यों ने वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों की शिक्षा और अभिभावकों की मौजूदा स्थिति पर अपनी बातों को रखते हुए निवेदन किया कि जब करोना काल में सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे हैं तो शिक्षण संस्थाओं का वर्तमान में किसी प्रकार का व्यय नहीं हुआ। ना ही छात्रों को शिक्षण संबंधी ज्ञान लाभ प्राप्त हो सका।

ऐसी स्थिति में अभिभावकों द्वारा मासिक शुल्क दिया जाना न्यायोचित नहीं है। विगत कई वर्षो से विभिन्न शिक्षण संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसमें मासिक शुल्क के अतिरिक्त अनेकों प्रकार के अन्य शुल्क लगाकर आय अर्जित की जा रही है।

यदि कोरोना काल में शिक्षण संस्थाएं किसी प्रकार की बात करती है तो पूर्ण कालीन आए या लाभ से अपने स्तर पर व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षण संस्थान ऑनलाइन अध्यापन की बात करते हैं तो ऑनलाइन अध्यापन के माध्यम से अध्ययन के लिए आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक अभिभावक, लैपटॉप आदि का वहन कर सके। ऑनलाइन शिक्षा बेहद मुश्किल और महंगी है। अभिभावक समिति ने विभिन्न कारण गिनाते हुए कोरोना काल के दौरान शिक्षण शुल्क माफी की पुरजोर मांग की।

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