Student Union/Alumni

छात्र संघ और विद्यार्थियों ने परीक्षा कराने के यूजीसी के दिशानिर्देशों को दी चुनौती

मुंबई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के लिए वार्षिक परीक्षाएं 30 सितंबर से पहले अनिवार्य रूप से कराने के दिशानिर्देशों को एक छात्र संघ और विधि के अंतिम वर्ष के पांच छात्रों ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। महाराष्ट्र स्टूडेंट्स यूनियन और अंतिम वर्ष के कानून के छात्रों अविरूप मंडल, ओंकार बावले, स्वपनिल ढागे, तेजस माने और सुरभि अग्रवाल की याचिकाओं में कोविड-19 महामारी के बीच वार्षिक परीक्षा रद्द करने की मांग की गयी है। उन्होंने व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं निरस्त करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सेवानिवृत्त प्रोफेसर धनंजय कुलकर्णी की याचिका में हस्तक्षेप की मांग की है।

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विधि के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने वकील यशोदीप देशमुख के माध्यम से दाखिल याचिका में दलील दी है कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों की संख्या बहुत ज्यादा है और ऐसे हालात में परीक्षाएं कराना व्यावहारिक नहीं होगा और लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने शुक्रवार को छात्र संघ और पांच छात्रों के हस्तक्षेप करने के आवेदनों को विचारार्थ स्वीकार कर लिया तथा सभी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की।

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