12वी के बाद माइक्रोबायोलॉजी में बनाएं करियर, 80 हजार महीना मिल सकती है पगार
नई दिल्ली. कोरोना वैश्विक महामारी ने माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र को एक बार फिर प्रकाश पर ला खड़ा किया है। माइक्रोबायोलॉजी शिक्षा का क्षेत्र है जो कोविड-19 जैसी वायरल बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाने का कार्य करता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का सूत्र पात्र अति सूक्ष्म जीवों के कारण ही होता है। इनके प्रभाव इसने इन से होने वाले नुकसान और कैसे हम इन से सफलतापूर्वक मुकाबला कर सकते हैं? माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में ऐसी समस्याओं के लिए ही नेट के निवारण और शोध किए जाते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी के विशेषज्ञों की बदौलत हाल फिलहाल में कई संक्रामक बीमारियों जैसे जैसे जीका वायरस, एचआईवी और स्वाइन फ्लू आदि की पहचान से लेकर उपचार तक के कारगर कदम उठाए जा सके हैं। बीते कुछ वर्षों में माइक्रोबायोलॉजी के अध्ययन में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की रुचि बढ़ी है। स्थानीय स्तर पर क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। गौरतलब है कि माइक्रोबायोलॉजी के अंतर्गत सूक्ष्म जीवों प्रोटोजोआ एलजी बैक्टीरिया वायरस का गहराई से अध्ययन किया जाता है।
कैसे करें शुरुआत?
शुरुआती तैयारियां माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में कदम रखने के लिए युवाओं को माइक्रोबायोलॉजी विषय से बैचलर होना जरूरी है। इसके बैचलर स्तर के विशिष्ट पाठ्यक्रमों में बायोलॉजी विषय से 12वीं पास करने वाले छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इस क्षेत्र से संबंधित करीब दर्जनभर मास्टर स्तर के पाठ्यक्रमों में बाय माइक्रोबायोलॉजी या लाइफ साइंस में स्नातक करने के बाद प्रवेश लिया जाता है।
अच्छे रोजगार का सुनहरा अवसर है
दुनिया भर में नई नई बीमारियों के सामने आने से आज माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यह अवसर सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में मिल रहे हैं। इस क्षेत्र के जानकार दावा करते हैं कि वाटर प्रोसेसिंग प्लांट, चढ़ावा कागज उद्योग, फूड प्रोसेसिंग, फूड बेवरेज रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेक्टर, बायोटेक बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग प्रयोगशालाओं, अस्पतालों, होटल, जन स्वास्थ्य केंद्रों के काम में लगे गैर सरकारी संगठनों के साथ ही अनुसंधान एवं अध्यापन के क्षेत्र में भी इसकी उपयोगिता है।
कुछ महत्वपूर्ण संस्थान
1-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
2-एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा
3-चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ
4-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
5-दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
अच्छी आय का क्षेत्र
माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में खासकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों में सबसे अच्छा वेतन मिलता है। मास्टर या पीजी डिप्लोमा कोर्स के बाद किसी चिकित्सा संस्थान से जुड़ने पर पेशेवर को 40 से 45 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। सोदिया अध्यापन में यही आमदनी ₹70 से 80,000 प्रति माह है।