सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी इंटर्नशिप की तारीख बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 8 फरवरी तक के लिए स्थगित की
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उन्हें दोपहर में पता चला है कि परीक्षा को छह से आठ सप्ताह के लिए टाल दिया गया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वो एमबीबीएस विद्यार्थियों की उस याचिका पर आठ फरवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए 12 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उन्हें दोपहर में पता चला है कि परीक्षा को छह से आठ सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। याचिका दायर करने वाले छह विद्यार्थियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि परीक्षा को छह से आठ हफ्तों तक टालने से याचिकाकर्ताओं को बहुत राहत मिलेगी, लेकिन कुछ मुद्दे अब भी बाकी हैं।
उन्होंने कहा कि एक साल इंटर्नशिप की अवधि पूरी करने के लिए 31 मार्च की तारीख तय की गई है, जिसे पूरा करना संभव नहीं होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद डॉक्टर कोविड ड्यूटी में फंस चुके हैं। शंकरनारायणन ने दलील दी कि प्रधानमंत्री की घोषणा के मद्देनजर अलग-अलग चिकित्सा महाविद्यालयों की ओर से सर्कुलर जारी किए गए हैं और ये डॉक्टर कोविड डयूटी के लिए अग्रिम मोर्चे के कर्मी के तौर पर जुट गए हैं।
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उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के आवेदन भरने की तारीख चार फरवरी है। पीठ ने कहा कि हम हमेशा तारीख बढ़ा सकते हैं, लेकिन हम दूसरे पक्ष का रुख भी जानना चाहेंगे। पीठ ने कहा कि किसी अन्य मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हो रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से कहा कि वो एमबीबीएस विद्यार्थियों की ओर से मांगी गई राहत के संदर्भ में निर्देश लें, जैन ने कहा कि वो किसी अन्य मामले में पेश होने वाले हैं और अगर मौजूदा मामले में केंद्र की ओर से कोई पेश नहीं हो रहा तो वो निर्देश लेकर सोमवार या मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित कर सकते हैं।
विद्यार्थियों की ओर से पेश हो रहे एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को दोपहर दो बजे करे। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख मुकर्रर की। दुबे लॉ चैम्बर्स के जरिए दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं शिवम सत्यार्थी और अन्य ने दावा किया है कि अनेक एमबीबीएस ग्रेजुएट अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि पूरा न कर पाने के कारण परीक्षा नहीं दे पाएंगे।