नई दिल्ली :
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में चैसकॉन 2020 के दूसरे दिन देश- विदेश के वैज्ञानिकों ने अपनी सफलता के राज साझा किए। चंडीगढ़ रीजन इनोवेशन एंड नॉलेज क्लस्टर (क्रिक) के सहयोग से पंजाब यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन माध्यम से चंडीगढ़ साइंस कांग्रेस चैसकॉन का आयोजन कर रही है। कार्यक्रम में दूसरे दिन का विषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी रहा, जिसमें नवाचार मेक इन इंडिया के युग में कैसे कार्य किया जाए, इस बात को मुख्य रूप से केंद्रीत किया गया।
विभिन्न मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां हुईं –
चैसकॉन 2020 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाब विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च प्रो. विवेक रंजन सिन्हा थे। कार्यक्रम में फार्मास्युटिकल साइंसेज के क्षेत्र में प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा विशेषज्ञ वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी। यूआइपीएस चेयरपर्सन प्रो. इंदु पाल कौर ने कार्यक्रम के बारे में सभी जानकारी दी। उन्हाेंने फार्मा क्षेत्र में वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को सबके सामने रखा। इस अवसर पर विभिन्न मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां हुईं।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया –
प्रो. विवेक रंजन सिन्हा ने दवाओं के लागत प्रभावी विकास के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। पहली विशेषज्ञ वार्ता प्रो. संजय गर्ग, फार्मास्युटिकल साइंस यूनिसा क्लिनिकल एंड हेल्थ साइंसेज दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय (यूनिसा) और सेंटर फॉर कैंसर डायग्नोस्टिक्स एंड थेरेप्यूटिक्स (सीसीडीटी) के निदेशक ने शुरू की। उन्होंने वर्तमान स्वास्थ्य परिदृश्य के मद्देनजर आधुनिक बनाम पारंपरिक दवाओं का तुलनात्मक अवलोकन किया और ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दोनों को सम्मिश्रित करने पर जोर दिया।